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डोईवाला में बांस के पौधे रोप स्वरोजगार के बारे में बताया

नागल ज्वालापुर में रौपे गए बांस के पौधे

डोईवाला। यूसर्क द्वारा स्थानीय निवासियों व महिला समूह की भागीदारी के से डोईवाला ब्लॉक के ग्राम नागल ज्वालापुर में बाँस वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया गया।

बाँस के वृक्षारोपण कार्यक्रम के प्रथम दिवस में यूसर्क की वैज्ञानिक व परियोजना अन्वेषक डां0 मन्जु सुन्दरियाल द्वारा बाँस की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया। और इसे आजीविका का महत्वपूर्ण संसाधन बताते हुए इसके संरक्षण को अति आवश्यक बताया गया। साथ ही कहा कि बाँस के उद्यम के जरिये ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

और बांस की निरन्तर उपलब्धता बनाए रखने के लिए यूसर्क द्वारा दो दिवसीय वृक्षारोपण कार्यक्रम समूह के सहयोग से किया जा रहा है। वृक्षारोपण कार्यक्रम के प्रथम दिवस में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने ग्राम नागल ज्वालापुर, डोईवाला ब्लॉक के मंदिर परिसर में पौधारोपण कर सभी महिला समूह को पौधे की जिम्मेदारी देकर उसकी देखभाल व संभालकर रखने का संकल्प दिलाया।

उन्होनें अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन, जैसी वर्तमान वैश्विक समस्या से सबसे अधिक ग्रामीण जनजीवन व गरीब तबके के लोग ही प्रभावित हो रहे हैं। इनके दुष्प्रभावों को कम करने में सामूदायिक वानिकी कार्यक्रम एक महत्त्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकती है। बाँस का वृक्षारोपण कर मृदा संरक्षण एवं जलसंरक्षण व मृदा की उर्वरता को बढ़ाने वाले प्राकृतिक कारकों को बढ़ावा देना भी है। इस दौरान महिलाओं को वृक्षारोपण कार्यक्रम में योगदान देने हेतु सराहा गया।

डां0 गीता खन्ना, निदेशक कृष्णनन मेडिकल सेन्टर, देहरादून द्वारा महिलाओं को स्वास्थ्य सम्बन्धी व पर्यावरण को स्वच्छ एव संरक्षित रखने के लिये महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कराई गई। मौके पर डा0 ओपी नौटियाल, परियोजना अन्वेषक डा0 मन्जु सुन्दरियाल, बीना, समाजसेवीका रजनी अग्रवाल, डा0 बिपीन सती , राजीव मोहन बहुगुणा, राधिका सूद आदि उपस्थित रहे।

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