

प्रीतम के गर्मजोशी के भाषण ने जगाया कांग्रेसियों में खोया हुआ आत्मविश्वास

डोईवाला। मंगलवार को कड़ाके की ठंड़ के बीच भानियावाला में कांग्रेस की कार्यकारिणी की एक बैठक संपन्न हुई। जिसमें कांग्रेस ने एकजुट होकर 2022 के चुनाव में जीत का दम भरा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को जीत के तीन मंत्र भी दिए। तो ये विश्वास भी दिलाया कि यदि उनके नेता भाजपा में नहीं जाते तो भाजपा का जीतना नामुमकिन था। जीत के तीन मंत्र देते हुए कहा कि जिन बूथों पर कांग्रेस मजबूत है। वहां और अधिक ताकत लगाकर 70 फीसदी से अधिक मतदान अपने पक्ष में करवाने को मेहनत करनी है।
दूसरा जहां आमने-सामने की लड़ाई हो उन बूथों पर संगठन को आगे कर एक-एक मतदाता को मतदान करने को प्रेरित करें। तीसरा जहां कांग्रेस कमजोर है वहां बूथ एजेंटों को मतबूत करते हुए फर्जी मतदान को रोकें। और ऐसे बूथों के लिए ज्यादा कार्यकर्ताओं को लगाकर अगल से रणनीति बनाएं।
प्रीतम ने केंद्र और राज्य दोनों सरकार दोनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 में किसानों के कर्जमाफी का वायदा सरकार भूल गई है। उत्तराखंड के किसानों ने आत्महत्याएं की हैं। जब उन्होने सरकार से आर्थिक मदद के बारे में कहा तो उनसे कहा गया कि यदि किसानों के परिवारों की आर्थिक मदद की गई तो और अधिक किसान आत्महत्याएं करेंगे।
लक्सर क्षेत्र में ऐसे 185 फर्जी किसान पाए गए हैं। जिन्हे फर्जी तरीके से किसान सम्मान निधि दी जा रही थी। सम्मान निधि में नौ करोड़ 17 लाख का घोटाला हुआ है। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में घोटाला और नर्सिंग भर्ती को लटकाने की साजिश चल रही है।
गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस के दबाव में सरकार कार्य कर रही है। अधिकारी जो परोसते हैं। सरकार उसे आंखमूंद कर पूरा कर देती है। सौ दिन में लोकायुक्त का वादा भी जुमला साबित हुआ है। लोहाघाट के विधायक विपक्षी दल के विधायक की तरह कार्य स्थगन प्रस्ताव सदन में ला रहे हैं। उनकी पार्टी से अधिक आरोप तो खुद भाजपा के लोग सरकार पर लगा रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर भी कई मामलों को लेकर निशाना साधा। हीरा सिंह बिष्ट, शूरवीर सिंह सजवाण और दूसरे नेताओं ने भी विचार रखे। बैठक में डां0 केएस राणा, जिलाध्यक्ष गौरव चौधरी, राजवीर खत्री, मोहित नेगी, रणजीत बॉबी, सागर मनवाल, लक्ष्मण बिष्ट, गौरव मलहोत्रा, अब्दूल कादिर, जयेंद्र रमोला आदि उपस्थित रहे।
कोरोनाकाल में सरकार पिंजरे में रही कैद, कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेली
डोईवाला। कार्यकार्यरिणी की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने हर मामले में भाजपा को घेरने की कोशिश की। कहा कि कोरोनाकाल में सरकार पिंजरे में कैद रही। जबकि कांग्रेस ने फ्रंटफुट पर खेलते हुए हर संभव मदद की।
कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है। जिसे कुछ लोग गुटबाजी कहते हैं। कांग्रेसियों को अपनी वाणी पर अंकुश, एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप से बचने और बिना वजह सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख देने की नसीहत भी दी गई।

