कोविड कर्फ्यू में सड़कों और बाजारों में पसरा सन्नाटा


सड़कों और बाजारों में दिखा एक साल पहले जैसा नजारा

Dehradun. कोरोना विस्फोट के कारण लगाए गए साप्ताहिक कर्फ्यू के कारण सड़कें और बाजारों में सन्नाटा पसारा रहा।
एक वर्ष पहले जिस तरह पूरे दिश में लॉक डाउन लगाया गया था। और उस वक्त जैसा नजारा सड़कों और बाजारों में दिखा था। कुछ वैसा ही नजारा ठीक एक वर्ष बाद मुख्य मार्गो और गांवों की सड़कों में देखने को मिला। बाजार पूरी तरह बंद रहे। और सड़कें सुनसान रही। पूरे दिन लोग घरों में कैद रहे। और टीवी या व्हाट्सएप आदि से कोरोना अपडेट की जानकारी लेते रहे। पिछले वर्ष जब देश में लॉक डाउन लगा था। तो लोग काफी जागरूक थ।
मॉस्क पहनना, सेनेटाइजर का इस्तेमाल और तमाम दूसरे उपाय लोग कर रहे थे। और जगह-जगह मॉस्क और सेनेटाइजर बांटे जा रहे थे। जिस कारण कोरोना काबू में था। लेकिन अब लोग बेफ्रिक होकर बिना मास्क के ही घूम रहे हैं। जिससे कोरोना बेकाबू हो चुका है।
यही कारण् है कि सरकार को फिर से साप्ताहिक और नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा है। तहसील प्रशासन, नगर पालिका प्रशासन और पुलिस लोगों को बार-बार हर माध्यम से आगाह कर रही है कि कोरोना का कहर किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। लेकिन कुछ लोग मानने को तैयार नहीं हैं। जिस कारण पूरी तरह से लॉक डाउन करना पड़ा है।


सामाजिक कार्यकर्ता भारत भूषण पेले, सभासद ईश्वर रौथान, मनीष धीमान, हिमांशु राणा, संजय खत्री, मनीष नेगी, राजेश भट्ट, संगीता डोभाल, प्रियंका मनवाल आदि ने कहा कि जिस तरह से कोरोना विस्फोट हो रहा है। उसे देखते हुए शासन-प्रशासन और डॉक्टरों द्वारा बताए सभी नियमों और उपायों को करें। कहा कि अस्पतालों पर भी अत्यधिक दबाव है। इसलिए हालात को नियंत्रित करने में सभी सहयोग करें।
इम्यूनिटी बढाने में योग से बेहतर कुछ नहीं
Dehradun. योग विशेषज्ञों का कहना है कि ऋषि-मुनियों द्वारा खोजी गई योग विद्या से शरीर की इम्यूनिटी बढाई जा सकती है। इससे कई संक्रमणों और वायरस से बचा जा सकता है। योगाचार्य अमित बिष्ट ने कहा कि वैसे तो सभी को योग रोज जरूर करना चाहिए।
लेकिन कोरोनकाल में योग का महत्व काफी अधिक है। अनुलोम-विलोम, कपालभाती, भस्त्रिका, भ्रामरी और उद्गीत प्राणायामों से शरीर की इम्यूनिटी को काफी बढाया जा सकता है। कहा कि सभी को प्राणायाम के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क पहनना भी जरूरी है।

