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लोकसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए जल्दबाजी में कर दिए किसानों के गलत नाम

किसान सम्मान निधि के लिए परेशान हुए किसान

देहरादून। तहसील और कृर्षि विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों का खामियाजा हजारों किसानों को उठाना पड़ रहा है।

किसान सम्मान निधि के जो सही फार्म किसानों ने तहसील और कृर्षि विभाग के अधिकारियों को सौंपे थे। उन सही फार्मो की गलत एंट्री कंप्यूटर में दर्ज की गई है। जिस कारण किसानों की किसान सम्मान निधि की किस्त उनके खाते में नहीं आ रही है। सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिनकी दो किस्तों के रूप में चार हजार रूपए उनके खाते में आ चुके हैं। लेकिन अब उनके फोन में उनके आवेदन में गलती होने की बात कहकर उनकी तीसरी किस्त रोक दी गई है। जबकि ऐसे भी काफी किसान हैं जिनकी अब तक एक भी किस्त उनके खाते में नहीं पहुंची है। लोक सभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस योजना को आनन-फानन में लागू तो कर दिया। लेकिन अब किसानों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

तहसील और संबधित विभागों के लोगों ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए हड़बड़ी में किसानों के सही फार्म और दस्तावेजों की गलत एंट्री कंप्यूटर में दर्ज कर दी है। लोकसभा चुनाव तक तो नाम की गलत एंट्री होने के बावजूद किसानों के खाते में दो किस्तों के चार हजार रूपए आ गए। लेकिन तीसरी किस्त को नाम में गलती का मैसेज मोबाइल में भेजकर रोक दिया गया है। यानि कर्मचारियों और अधिकारियों की कंप्यूटर में गलत एंट्री दर्ज करने का खामियाजा किसानों को लंबी लाइनों में खड़े होकर चुकाना पड़ रहा है। किसान चंद्रभूषण तिवारी ने कहा कि उन्होंने वेबसाइड पर जाकर देखा तो उनका गलत नाम दर्ज किया गया है। जबकि उन्होंने सही कागज जमा किए थे। वेबसाइड पर माथापच्ची करने के बावजूद उनका नाम सही नहीं हो पाया है।

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लोकसभा चुनाव के कारण हुई गड़बड़ी

देहरादून। लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव ड़ाला गया। जिसका नतीजा ये हुआ कि अफरा-तफरी और भारी दबाव के कारण कंप्यूटर में गलत और आधे-अधूरे नाम दर्ज हो गए। चुनाव निपटने और दो किस्तें किसानों के खाते में ड़ालने के बाद अब गलत नामों को ठीक करने के लिए लोगों को फिर से लंबी लाइनों में खड़ा किया जा रहा है।

इन्होंने कहा

किसान वेबसाइड या तहसील में जाकर अपना डाटा अपडेट कर सकते हैं। अगर वेबसाइड नहीं चल रही है तो इसमें उनके स्तर से कुछ नहीं किया जा सकता है। लक्ष्मीराज चौहान, एसडीएम डोईवाला।

 

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