
विवेकानंद ने कहा था भारत देश ने दूसरे देशों में सताए गए लोगों को शरण दी
डोईवाला। स्वामी विवेकानंद की 157वी जयंती के अवसर पर पब्लिक इंटर कालेज में पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विद्यालय प्रबंधक मनोज नौटियाल ने कहा कि युवाओं को छात्र जीवन में ही अपनें लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए। विवेकानंद ने भारत की संस्कृति और सभ्यता को विदेशों में जो पहचान दिलवाई। उसे हमेशा याद रखा जाएगा। शिक्षक अश्विनी गुप्ता ने कहा कि विवेकानंद का शिकागों में 1893 में दिया भाषण आज भी लोगों को याद है। उन्होंने शिकागो में कहा था कि. उन्हे गर्व है कि वो एक ऐसे धर्म से हैं जिसने दूसरे देशों में सताए गए लोगों को अपने यहां शरण दी है। शिक्षक बी0डी0ममगाई ने कहा कि विवेकानंद ने कहा था कि बालक और बालिकाओं दोनों को समान शिक्षा देनी चाहिए।
धार्मिक शिक्षा को पुस्तकों द्वारा न देकर आचरण और संस्कारों द्वारा देनी चाहिए। स्कूलों में लौकिक और पारलौकिक दोनों प्रकार के विषयों को स्थान दिया जाना चाहिए। देश की आर्थिक प्रगति के लिए तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। इस अवसर पर शिक्षक अश्विनी गुप्ता, चेतन कोठारी, दीपक पाल,गुंजन कोठारी, रोहन छेत्री, विशाल यादव,आशीष आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
एबीवीपी ने विवेकानंद को याद किया
डोईवाला। एबीवीपी ने सरस्वती विद्या मंदिर डोईवाला में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रकाश कोठारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि लक्ष्य की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रहना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आयुष मल्ल, अंशुल कठैत, छात्रसंघ अध्यक्ष अभिषेक पुरी, मनीषा तिवारी, आकाश प्रजापति, मोहन पुंडीर, विष्णु क्षेत्री, भानु प्रताप, सागर प्रजापति अकाशपुरी, दीपक कुमार, विपिन गुसाईं, अमन पुरी, अनामिका काजल लोधी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।