Dehradun. बुधवार के दिन समाचार पत्रों में एयरपोर्ट विस्तारीकरण के बारे में सरकार की एक विज्ञप्ति से टिहरी विस्थापितों और जौलीग्रांट के लोगों के होश उड़ गए हैं।
आज बुधवार को प्रमुख समाचार पत्रों में नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा एक विज्ञप्ति जारी की गई है।
जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के हवाई अड्डों, हैलीपैड आदि के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए अनुभवी रिटायर्ड राजस्व अधिकारियों की जरूरत है।
जिनकों निधारित मानदेय दिया जाएगा। इस विज्ञप्ति को पढ़ने के बाद लोगों को लग रहा है कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को जो सर्वे किया जा रहा है।
वो निराधार नहीं है। और उन्हे एक बार फिर विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि बीते 20 नवंबर को देहरादून हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के विरोध में टिहरी बांध विस्थापित और जौलीग्रांट क्षेत्र के सैकड़ों लोगों द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया था।
जिसमें क्षेत्रवासियों द्वारा देहरादून हवाई अड्डे की विस्तारीकरण के लिए जमीन न देने का संकल्प लिया गया था।
इसके तुरंत बाद जिस प्रकार सरकार ने विज्ञप्ति जारी की है उससे टिहरी बांध विस्थापित और जौलीग्रांट के नागरिक आक्रोश में हैं।
महापंचायत का आयोजन करने वाले अठूरवाला निवासी गजेंद्र रावत का कहना है कि जो सरकार चार दिन पहले यह कह रही थी कि अधिग्रहण और विस्तारीकरण की कोई कार्यवाही नहीं चल रही है।
और सरकार सिर्फ प्रारंभिक स्तर पर सर्वे करवा रही है। उसकी पोल खुल चुकी है। और क्षेत्रवासियों की आशंका सच साबित हुई है।
कहा कि यदि सरकार अपने कदम वापस नहीं लेती तो सरकार के इस कदम के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
इसके लिए शीघ्र ही एक और बड़ी बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया है। भाजपा नेता दिनेश सजवान इस एकतरफा कार्रवाई की निंदा की है।
और एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए भूमि न देने का संकल्प दोहराया है। कीर्ति सिंह नेगी, करतार सिंह नेगी, सुमेर नेगी, पूर्व प्रधान मंजू चमोली, पुरषोत्तम डोभाल, रविंद्र सिंह नेगी,
कमल सिंह राणा, बलदेव सिंह, बेताल सिंह, शंकर सिंह, सागर मनवाल, जसवंत सिंह नेगी,
विक्रम सिंह भंडारी, अजय भंडारी, विक्रम सिंह रावत, कांग्रेस नेता गौरव चौधरी आदि ने एयरपोर्ट विस्तार का विरोध किया है।