उत्तराखंड

मनरेगा के तहत अनटाइड फंड से किया जाए झाड़ियों का शीघ्र कटान – पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज

  • जंगली जानवरों से आमजन की सुरक्षा को कार्ययोजना तैयार करें: महाराज
  • पंचायत विभाग के अधिकारियों को अनटाइट फंड से मनरेगा के तहत झाड़ियां को काटने के निर्देश

देहरादून। प्रदेश के पंचायतीराज, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने राज्य के पर्वतीय जनपदों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों और उनसे आम जन की सुरक्षा के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के पंचायतीराज, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को सुभाष रोड स्थित अपने कैम्प कार्यालय पर वन विभाग एवं पंचायतीराज के अधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य के पर्वतीय जनपदों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों पर चिंता जताते हुए आमजन एवं ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि गढ़वाल एवं अन्य पर्वतीय जनपदों में स्थित ग्राम पंचायतों में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं जो कि जंगली जानवरों के छुपने की जगह बन गई हैं। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। स्कूली बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इसके अलावा वर्तमान में शादियों का साया भी चल रहा है इसलिए जरूरी है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की मनरेगा के तहत अनटाइड फंड से झाड़ियां का शीघ्र कटान किया जाए।

पंचायत मंत्री महाराज ने कहा कि जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए जो पार्क बने हैं उनमें उन्हें रखने की व्यवस्था की जाए और बड़ी-बड़ी संस्थाओं एवं कंपनियों से उन्हें गोद लेकर उनके रखरखाव एवं खान-पान की व्यवस्था के लिए उनसे अनुरोध किया जाए। उन्होंने कहा कि एक बाघ को पड़कर यदि पार्क में रखा जाता है तो उसके खान-पान एवं रखरखाव पर 20 से 25 लाख रुपए के लगभग वार्षिक खर्च आता है। इसलिए इस तरह की पहल करना आवश्यक है।

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महाराज ने कहा कि आमजन की सुरक्षा के लिए घातक बन रहे ऐसे जंगली जानवरों को पड़कर उन्हें संरक्षण देने के लिए वह अंबानी परिवार द्वारा बनाये गये बनतारा से भी अनुरोध करेंगे। बैठक में पंचायती राज विभाग के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, निदेशक पर्यावरण पीसीसीएफ एस.पी. सुबुद्धि और पंचायतीराज निदेशक निधि यादव आदि मौजूद थे।

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