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एसडीएम पब्लिक स्कूल रायवाला में अंशुल ने किया टॉप

विपरीत परिस्थितियों के बावजूद नहीं मानी हार

देहरादून। खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा, खुद आकर बन्दे से पूछे

कि बता तेरी रजा क्या है। ये पंक्तियां सत्तेश्वरी देवी मेमोरियल पब्लिक स्कूल रायवाला के

अंशुल रणाकोटी के ऊपर सटीक बैठती हैं। जिसने विपरीत परिस्थियों में सीबीएसई दसवीं

में स्कूल टॉप कर स्कूल और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। अंशुल ने घोषित

नतीजों में हिंदी में 80, अंग्रेजी में 85, गणित में 94, साइंस में 88, सोशल साइंस में 94 और

कंप्यूटर में 74 फीसदी,  कुल 91 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल टॉप कर बता दिया कि प्रतिभा को

परिस्थितियां नहीं हरा सकती हैं। अंशुल के दसवीं में जाने के कुछ दिन बाद उनके पिता

खुशीराम को पिछले वर्ष एक मई को ब्रेन हेमरेज हो गया। तब अंशुल की मां अनिता देवी

को घर में तीनों बच्चों को छोड़कर अस्पताल जाना पड़ा। जहां ऑपरेशन के बाद कई हफ्तों

तक खुशीराम को रखा गया। घर लौटे तो फिर से मरीज की दिक्कतें बढनी लगी। जिसके बाद

कुछ समय के अंतराल पर सिर के तीन ऑपरेशन और किए गए। जिससे एक से डेढ

साल अस्पतालों में ही बीत गया। ऐसे में अंशुल उसके जुड़वा भाई अंकित व बड़ी बहन अंशिका

पर सारी जिम्मेदारी आ गई। लेकिन तीनों भाई-बहन एक-दूसरे का सराहा बने। और दो जुड़वा

भाई अंशुल व अंकित ने बिना ट्यूशन पढे दसवीं की परीक्षा में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करते हुए

सबकों पीछे छोड़ दिया। अंशुल ने स्कूल टॉप किया तो वहीं अंकित को दसवीं में 75 प्रतिशत

अंक मिले हैं। जिससे सालों बाद रणाकोटी परिवार में दोहरी खुशियां साथ आई। माता

अनिता रणाकोटी ने भर्राए हुई आवाज में बताया कि उनके पति अभी भी बेड़ पर हैं।

जिनका ईलाज चल रहा है। स्कूल वालों ने दोनों बेटों के अच्छे नंबरों से पास होने ही सूचना दी

उन्हे विश्वास नहीं हुआ। एसडीएम पब्लिक स्कूल रायवाला के प्रधानाचार्य शशांक चमोली

ने कहा कि अंशुल व अंकित दोनों जुड़वा भाईयों ने विपरीत परिस्थितियों में हाईस्कूल में

बेहतर प्रदर्शन किया है। अंशुल चालीस बच्चों में टॉप आए हैं। जबकि अंकित को भी अच्छे नंबर मिले हैं।

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