उत्तराखंड

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा, अधिकारियों को दिये केंद्रीय सहकारिता मंत्री की बैठक के लिए तैयारियों के निर्देश

  • 30 जून को दिल्ली में सहकारिता को लेकर आयोजित होगी मंथन बैठक

देहरादून : केंद्रीय सहकारिता एवं गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आगामी 30 जून 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की मंथन बैठक होगी। जिसकी तैयारियों को लेकर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय समीक्षा बैठक ली। डॉ रावत ने आज शासकीय आवास पर आयोजित बैठक में सहकारिता विभाग के उत्कृष्ट सफल मॉडल योजनाओं और उपलब्धियां की जानकारी विभागीय अधिकारियों से ली।

डॉ रावत ने बताया कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों एवं सहकारिता विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव भाग लेंगे। यह मंच सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रगति की समीक्षा, विचारों के आदान-प्रदान और भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने का अवसर प्रदान करेगा।

मंथन बैठक में उत्तराखंड राज्य की तरफ से सचिव सहकारिता डॉ. बीवीआरसी परुषोत्तम, निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट अपर निबंधक सहकारिता आनंद शुक्ल सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत के साथ कल 29 जून को दिल्ली रवाना होंगे।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया मंथन बैठक देश भर में और राज्यों में सहकारिता के क्षेत्र में कैसे सहकार से समृद्धि आए इसको लेकर मंथन किया जाएगा। इस मंथन सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सहकारिता मंत्रालय की अब तक की पहलों और योजनाओं की समग्र समीक्षा करना, अब तक हुई प्रगति का मूल्यांकन करना, और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुभवों, श्रेष्ठ प्रक्रियाओं और रचनात्मक सुझावों का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है। यह मंथन बैठक माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को सामूहिक प्रयासों के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए साझा समझ और समन्वित रणनीति विकसित करने की दिशा में कार्य करेगी।

मंथन बैठक में 2 लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी, जो ग्रामीण सेवा वितरण को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए अहम है। मंथन बैठक में सहकारी क्षेत्र में ‘विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों को सशक्त बनाना है। इसके साथ ही, ‘सहकारिता में सहकार’ अभियान और ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के अंतर्गत राज्यों की प्रगति और सहभागिता पर चर्चा होगी।

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तीन नई बहु-राज्यीय राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL), और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) में राज्यों की भागीदारी की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, श्वेत क्रांति 2.0 और भारत के डेयरी क्षेत्र में सर्कुलरिटी एवं सस्टेनेबिलिटी की अवधारणाओं को अपनाने तथा आत्मनिर्भरता अभियान के अंतर्गत दलहन व मक्का उत्पादक किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर चर्चा होगी। PACS कंप्यूटरीकरण और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (RCS) के कार्यालयों के कंप्यूटरीकरण जैसे डिजिटल परिवर्तन संबंधी पहलों की भी समीक्षा की जाएगी, विशेष रूप से राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस और इसकी नीति-निर्माण में उपयोगिता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इस मंथन बैठक में सहकारी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर चर्चा होगी, विशेषकर त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना के संदर्भ में। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय मजबूती के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा होगी, जैसे सहकारी बैंकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान, राज्य सहकारी बैंकों (StCBs) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) के लिए साझा सेवा इकाई (SSE) की स्थापना और शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए अंब्रेला संगठन का संचालन।

यह मंथन बैठक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की भूमिका को रेखांकित करते हुए राज्य स्तरीय सहकारी समितियों को जीवंत आर्थिक इकाइयों में बदलने की दिशा में केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संघवाद की भावना के साथ करीबी समन्वय को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा समीक्षा बैठक में सचिव सहकारिता सहकारिता डॉ बीवीआरसी परुषोत्तम, निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, मंगला त्रिपाठी, उप निबंधक रमिंद्री मंदरवाल उपस्थित रहे।

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