Dehradun. हिमालय पुत्र ग्रुप की एक बैठक में निर्णय लिया गया कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए काटे जाने वाले दस हजार पेड़ों से पर्यावरण को काफी नुकसान होगा। इसलिए वो इसका विरोध करेंगे।
आशीष यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली प्रदेश व केंद्र सरकार पर्यावरण के लिए खतरा बन गई हैं। एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए पूर्व में भी वन क्षेत्र के बड़े हिस्से को खत्म किया गया था। और अब वन विभाग द्वारा शिवालिक एलीफैंट रिज़र्व के 215 एकड़ वन भूमि के हस्तांतरण का प्रस्ताव तैयार किया है।
प्रस्ताव के मुताबिक इसमें कुल 9745 पेड़ कटेंगे जिसमे 3405 खैर, 2135 शीशम,185 सागौन,120 गुलमोहर व कई अन्य प्रजाति के पेड़ काटने का प्रस्ताव भेजा गया है । पेड़ो के कटान से वन में मौजूद हाथी, गुलदार, चीतल, सांभर व अन्य वन्य जीवों के भविष्य के लिए बड़ा खतरा पैदा होगा ।
नवीन बंगवाल ने कहा कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए दी जाने वाली जमीन राजाजी नेशनल पार्क के इको सेंसेटिव जोन के 10 किमी के दायरे में पड़ती है। और इसके 3 किमी के दायरे में एलीफैंट कॉरिडोर है।
जंगल व वन्य जीव उत्त्तराखण्ड के पर्यटन व खास तौर पर राजाजी नेशनल पार्क की विशेष पहचान है। हिमालय पुत्र ग्रुप डोईवाला के सभी आम जनमानस को से होने वाले नुकसान के बारे में बताएगा और उग्र आंदोलन कर इसका पुरजोर विरोध करेगा।