देहरादून। डोईवाला चीनी मिल पिछले कई वर्षों से अपनी उत्पादन क्षमता के अनुरूप गन्ना पेराई कार्य न कर पाने के कारण आर्थिक रूप से पिछड़ रही थी।
जिसकी वर्तमान अधिशासी निदेशक द्वारा कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए।
डोईवाला चीनी मिल को बूढी और बीमार चीनी मिल तक कहा जाने लगा था। जिसके बाद अधिशासी निदेशक डीपी सिंह ने अधिकारियो व कर्मचारियों के साथ मिलकर मिल हित व कृषक हित में चीनी मिल की प्रगति के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए कई निर्णय लिये गये।
विश्राम गृह, पक्का केन यार्ड, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, कैन्टीन की व्यवस्था करवायी गई। वहीं मिल में जगह जगह सी०सी०टी०वी० कैमरे स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त किया गया।
गदरपुर स्थित बन्द चीनी मिल से लायी गई दो क्वाड बॉडियों को मिल हित में पिछले पेराई सत्र 2022-23 के दौरान स्थापित करवाया गया।
वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में मिल द्वारा दिनांक 13.01.2024 तक लगभग 11.19 लाख कुन्तल गन्ना पेराई कर लगभग 1.02 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है।
पहली बार दिनांक 21 दिसम्बर, 2023 को मिल में गन्ना आपूर्ति करने वाले कृषकों को मिल स्तर से गन्ना मूल्य भुगतान शुरू किया गया।
वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में अब तक गन्ना मूल्य भुगतान को मिल स्तर से रू0 1296.63 लाख की धनराशि विभिन्न गन्ना समितियों को जारी की जा चुकी है।
जबकि विगत पेराई सत्र 2022-23 में आज की तिथि तक गन्ना मूल्य भुगतान मद में कोई भुगतान नहीं हुआ था।