देहरादून। रानीपोखरी मुख्य नहर में कम पानी के चलते सैकड़ों बिघा भूमि पर सूखे का संकट मंडरा रहा है।
हालात ये हैं कि किसानों की धान की पौध एक से सवा महीने की हो चुकी है। इसके बावजूद कई गांवों के सैकड़ों किसान सिंचाई का पानी उपलबध न होने के कारण धान की पौध की रोपाई नहीं कर पाए हैं।
जिसका सबसे बड़ा कारण बारिश की कमी बताया जा रहा है। बारिश के कारण नदियों, नालों और खालों में पानी आता था। जो नहर के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचता था।
लेकिन इस बार इंद्रदेव की नाराजगी की वजह से अभी तक नाममात्र की बारिश हुई है। जिससे सैकड़ों किसान धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं। वहीं जिन किसानों से नलकूप आदि से रोपाई की भी है। उनके खेतों में भी सूखे से दरारें पड़ गई हैं।
रानीपोखरी में मुख्य नहर सूर्यधार झील से जुड़ी हुई है। और झील का निर्माण भी इसलिए करवाया गया था। जिससे किसानों को पहले की अपेक्षा अधिक सिंचाई और पेयजल मिल सके। लेकिन बारिश की कमी के कारण किसान बेहाल और परेशान हैं।
वहीं किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सिंचाई के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। रानीपोखरी के किसान नरेंद्र चौहान ने कहा कि रानीपोखरी नहर में इतना कम पानी है कि वो तेलपुरे गांव से आगे नहीं बढ पा रहा है।
जिससे मौजा रानीपोखरी, रानीपोखरी, नागाघेर, घमंडपुर, लिष्ट्राबाद, डांडी, बडकोट, झीलवाला गांवों के सैकड़ों किसान धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं।
कहा कि संबधित अधिकारियों को जब भी सूर्यधार झील से अधिक पानी छोड़ने को कहा जाता है तो उनका जवाब होता है कि नहर में अधिक पानी छोड़ा तो नहर गाद से भर जाएगी।
जबकि सूर्यधार झील निर्माण से पहले रानीपोखरी नहर सीधे नदी से जुड़ी हुई थी। इसके बावजूद कभी नहर में गाद की समस्या नहीं आई। और अब झील निर्माण के बाद अधिकारी नहर में गाद आने की बात कह रहे हैं।
उधर इस संबध में संबधित विभाग के अधिशासी अभियंता दिनेशचंद उनियाल और एसडीओ अनुभव नौटियाल दोनों को कई बार फोन मिलाने के बाद भी फोन पर संपर्क नहीं हो सका।
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