उत्तराखंड

‘गंगा दीपोत्सव’ में लगभग 3.50 लाख दीपकों से जगमगाएंगे गंगा घाट, 500 ड्रोन से होगा भव्य व आकर्षक ड्रोन शो

हरिद्वार : राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 11 नवम्बर की सांय 5ः55 बजे से हरिद्वार में भव्य ड्रोन सो, दीपोत्सव तथा भजन सन्ध्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसमें मुख्यमंत्री पुश्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करेंगे। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि दीपोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत हरकी पौड़ी पर एचआरडीए द्वारा सांय 5ः55 बजे से 6ः25 बजे के मध्य 500 ड्रोन के द्वारा भव्य एवं आकर्शक ड्रोन शो का प्रदर्शन किया जायेगा, जबकि नगर निगम तथा विभिन्न संगठनों के सहयोग से 6ः30 बजे हरिद्वार के 50 घाटों पर लगभग 3 लाख पचास हजार दीपक जलाए जायेंगे। इसके पश्चात रात्रि 06ः50 बजे से मालवीय दीप पर भजन सन्ध्या कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी जायेंगी।

जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रस्तावित जनपद भ्रमण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री पुश्कर सिंह धामी 11 नवम्बर को जनपद भ्रमण पर रहेंगे। मुख्यमंत्री पुश्कर सिंह धामी 11 नवम्बर की पूर्वान्ह 04ः30 बजे पन्ना लाल भल्ला स्टेडियम का लोकार्पण करेंगे, सायं 05 बजे हरकी पौड़ी स्थित पुलिस चौकी का लोकार्पण करेंगे तथा सांय 05ः 15 बजे से मॉ गंगा पूजन एवं मां गंगा आरती में प्रतिभाग करेंगे, सायं 05ः55 बजे ड्रोन शो कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे, सायं 06ः30 बजे दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे तथा सांय 06ः50 बजे से भजन सन्ध्या कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।

जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने सभी शहरवासियों एवं जनसामान्य से आह्वान किया अपने परिवार, पड़ोसियों और मित्रों के साथ निकटतम घाट पर पधारें और दीप जलाकर इस ऐतिहासिक उत्सव का हिस्सा बने। जिलाधिकारी ने ने बताया कि कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी घाटो को 50 सैक्टर तथा 09 जोन में विभाजित किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी सैक्टर तथा जोनल अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए हैं। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम से जुड़े सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए निर्देश दिये कि सभी कार्मिक सौंपे गए कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन प्राथमिकता के आधार पर समयबद्धता से करना सुनिश्चित करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की त्रुटि क्षम्य नहीं होगी।

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