उत्तराखंड

गणतंत्र दिवस समारोह में ग्राम प्रधानों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए पंचायतों के बीच प्रतियोगिता का आयोजन

  • प्रमुख 10 योजनाओं में पंचायत को सैचुरेशन करने वाले जिले से दो प्रधानों का होगा चयन
  • स्थानीय पहल, नवाचार व सामुदायिक सहभागिता के कार्यो को मिलेगी वरीयता
  • जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित मूल्यांकन समिति करेगी फैसला

गोपेश्वर (चमोली)। भारत सरकार ने 2025 गणतंत्र दिवस परेड में प्रत्येक जिले से दो ग्राम प्रधानों को विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित करने के लिए एक विशेष प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इस प्रतियोगिता का उदेश्य ग्राम पंचायतों में विभिन्न सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और संतृप्ति (सैचुरेशन) को बढ़ावा देना है। पंचायतों की ओर से योजनाओं में प्राप्त संतृप्ति का मापदंड 30 नवम्बर तक का होगा।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि यह पहल पंचायतों के उत्कृष्ट कार्य को प्रोत्साहित करना और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रदान करना है। पंचायत को सरकारी योजना से सैचुरेट करने वाले प्रधानों को  2025 गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधानों का चयन 10 प्रमुख सरकारी योजनाओं के तहत प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। जिसमें हर घर जल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मिशन इन्द्रधनुष, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान योजना), प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएम मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री पोषण योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना (कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन) शामिल है। जिले में ग्राम प्रधानों के चयन के लिए मूल्यांकन समिति का गठन किया गया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति में जिला परिषद के सीईओ, पंचायत राज अधिकारी, परियोजना निदेशक और संबंधित योजनाओं के रेखीय विभागों के अधिकारी शामिल किए गए है।

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पंचायत क्षेत्रों में कुल पात्र लाभार्थियों में से 90 प्रतिशत या उससे अधिक को योजना का लाभ पहुंचाने पर उसे संतृप्त (सैचुरेशन) माना जाएगा। ऐसी पंचायतें जिन्होंने कम से कम छह योजनाओं में संतृप्ति प्राप्त की है, उन्हें जिला स्तर पर भाग लेने के लिए पात्र माना जाएगा। अधिकतम योजनाओं में संतृप्ति प्राप्त करने वाली पंचायतों को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी। स्थानीय पहलों, नवाचारों और सामुदायिक सहभागिता को 20 प्रतिशत अतिरिक्त भार के रूप में मूल्यांकन में जोड़ा जाएगा। यह विशेष रूप से उन पंचायतों के लिए लागू होगा जिन्होंने अपनी क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार योजना कार्यान्वयन में विशेष प्रयास किए है। पंचायतों को मूल्यांकन करते हुए, जिले से दो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।

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