सीएम धामी के उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालयों में भारतीय हिन्दू संस्कृति के अध्ययन संबंधी निर्णय का साधु संतों ने किया खुलकर स्वागत, मुख्यमंत्री धामी को बताया सनातन संस्कृति का संरक्षक
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड के विश्व विद्यालयों में भारतीय हिन्दू संस्कृति के अध्ययन संबंधी निर्णय का साधु संतों ने स्वागत किया है। तथा मुख्यमंत्री को सनातन संस्कृति का संरक्षक बताया है। मुख्यमंत्री द्वारा चारधाम व अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरुद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने के निर्णय का भी साधु संतों ने स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया है। साधु संतों का कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय उत्तराखंड के देवस्थलों तथा भारतीय संस्कृति के हित में है। सभी ने मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहनीय बताया है।
इस संबंध में स्वामी अवधेश्वरानन्द गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धर्म रक्षक एवं भारतीय संस्कृति की संवेदनाओं का संरक्षक बताते हुए उनके द्वारा उत्तराखण्ड को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की है। स्वामी अवधेश्वरानन्द गिरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड के विश्व विद्यालयों आदि में भारतीय हिन्दू संस्कृति, संस्कार के साथ विभिन्न पौराणिक विद्याओं, आध्यात्म, इतिहास, पुराण, योग, आयुर्वेद के अध्ययन की व्यवस्था के प्रयासों की भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि इससे देश के युवाओं को भारतीय संस्कृति के आदर्शों की जानकारी कराने तथा उन्हें ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना के भाव से परिचित कराने में मदद मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड की संस्कृति के संवर्द्धन के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा चारधामों, द्वादश ज्योर्तिलिंग, पौराणिक स्थलों व प्रमुख मंदिरों के नामकरण का दुरूपयोग रोकने तथा इनकी स्थापित मान्यताओं, पूजा पद्धति आदि की सूचिता बनाये रखने के लिये किये जा रहे प्रयासों के लिये भी साधुवाद दिया।
जगतगुरू रामभद्राचार्य महाराज ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के राजकीय विश्व विद्यालयों में हिन्दू संस्कृति के अध्ययन की व्यवस्था के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड के चारों धामों के नाम पर अब कोई मंदिर न बनाये जाने के निर्णय का भी स्वागत किया है तथा ऐसे ही प्रयासों की भारत सरकार से भी अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रयासों से ही वैदिक सनातन धर्म का विश्व में प्रसार होगा।
स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी ने भी उत्तराखण्ड के विश्व विद्यालयों में हिन्दू संस्कृति अध्ययन केन्द्र की व्यवस्था लागू करने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद दिया है। उन्होंने उत्तराखण्ड के इस निर्णय को पूरे देश में लागू करने की बात कही । उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि है और मुख्यमंत्री के इस निर्णय से देवभूमि का स्वरूप उभरकर सामने आया है। उन्होनें मुख्यमंत्री के इस निर्णय को साहसिक एवं समसामयिक बताते हुए प्रधानमंत्री से भी पूरे देश में ऐसी व्यवस्था बनाने की अपेक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उनकी कैबिनेट की उत्तराखण्ड के चार धामों की अवमानना को किसी भी तरह स्वीकार न करने की पहल की भी सराहना की । उन्होंने मुख्यमंत्री की सनातन धर्म के प्रति गहरी निष्ठा के दृष्टिगत संत समाज की ओर से मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया।