उत्तराखंड

वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए विश्व प्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम के कपाट

उत्तरकाशी : विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर के कपाट आज अन्नकूट के पावन पर्व पर अपराह्न 12 बजकर 14 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। गंगोत्री धाम में उपस्थित  देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने इस अवसर  गंगा जी की उत्सव मूर्ति के निर्वाण दर्शन कर अभिषेक पूजा में भाग लिया। कपाटबंदी के बाद हर- हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर परम्परानुसार  मुखवा गांव के लिए प्रस्थान करवाया गया। तीर्थ पुरोहितों  की आगवानी में  गंगा जी की डोली यात्रा लोक वाद्य यंत्रों आर्मी बैंड की धुनों  के साथ रवाना हुई।  डोली यात्रा आज रात्रि में  चंडी देवी मंदिर मार्कण्डेय पुरी में प्रवास करेगी।

रविवार को  सोमेश्वर देवता की आगवानी में भैयादूज के पर्व पर गंगा जी की डोली यात्रा  मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। जहां पर उत्सव प्रतिमा को शीतकाल के लिए गंगा मंदिर में विराजमान किया जाएगा। शीतकाल में श्रद्धालु  मुखवा स्थित गंगा मंदिर में गंगा जी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगें।

गंगोत्री मंदिर के कपाटबंदी के अवसर पर विधयाक सुरेश चौहान, एसडीएम मुकेश चंद रमोला, मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानन्द सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, रावल हरीश सेमवाल  सहित बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे। उधर यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी 3 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर अपराह्न 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में  यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेंगी।

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