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उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र : अभिभाषण पर चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष, सदन कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित

देहरादून: उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का तीन दिवसीय प्रथम सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। बजट अभिभाषण के लिए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) विधानसभा पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। इस दौरान गार्ड तो आफ आनर दिया गया।

अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में महंगाई के विरोध में बैनर दिखाए। उत्तराखंड का राज्यपाल बनने के बाद यह उनका पहला अभिभाषण है। राज्‍यपाल ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग कर रही है। संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मातृ शिशु सेवा में सुधार हो रहा है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत तीन हज़ार रुपये दिए जा रहे हैं। बुजुर्गों व दिव्यांगों को पेंशन दी जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए चार माह का 21,116.21 करोड़ का लेखानुदान सदन में प्रस्तुत किया। सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित की गई है।

वहीं हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अनुपमा रावत विधानसभा सदन के बाहर महंगाई के विरोध में धरने में बैठ गईं। मंगलवार को पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार नए वित्तीय वर्ष के प्रथम चार माह के लिए लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का लेखानुदान पेश करेगी।

किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ ने विधानसभा सदस्यता की शपथ ली। पूर्व में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के कारण वह शपथ। आज सुबह 10 बजे विधानसभा सचिव ने अपने कक्ष में उन्‍हें शपथ दिलवाई।

सत्र में दो अध्यादेश भी विधेयक के रूप में पेश किए जाएंगे। उधर, विपक्ष ने सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी जैसे विषयों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। सरकार ने भी विपक्ष के हमलों का तथ्यों व तर्कों के साथ जवाब देने को अपने तरकश में तीर तैयार किए हैं। ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।

दोपहर बाद तीन बजे से विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन करने के साथ सत्र शुरू होगा। शाम चार बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लेखानुदान प्रस्तुत करेंगे। अगले दिनों की कार्यसूची के लिए मंगलवार शाम को फिर से कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी।

सत्र के दौरान उत्तराखंड उद्यम एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन अध्यादेश और उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा संशोधन अध्यादेश विधेयक के रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे।

आज से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र को लेकर जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विधानसभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति ज्वलनशील पदार्थ, लाठी, हाकी, तलवार व अन्य तेज धारदार हथियार लेकर नहीं निकल सकेगा। ड्यूटी पर कार्यरत राजकीय सेवकों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। क्षेत्र में किसी प्रकार की नारेबाजी, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल व विरोध जुलूस को प्रतिबंधित किया गया है।

कांग्रेस पांचवीं विधानसभा के पहले सत्र में तीखे तेवर अपनाने जा रही है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख प्रतिपक्षी दल सरकार की घेराबंदी करने की तैयारी में है। कांग्रेस ने अभी नेता विधायक दल का चयन नहीं किया है।

विधायकों ने भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने के संकेत दिए। विशेष रूप से महंगाई और बेरोजगारी पर कांग्रेस मुखर रहेगी। निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा की पिछली सरकार ने भी राज्यवासियों को झुनझुना थमाया था। नई सरकार भी ऐसे ही संकेत दे रही है।

इसलिए लेखानुदान लेकर आती है नई सरकार

राज्यों में फरवरी या मार्च में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रस्तुत करने की परंपरा है। लेकिन विधानसभा चुनाव की वजह से इसमें कुछ बदलाव करने पड़ते हैं। उत्तराखंड में फरवरी में विधानसभा का चुनाव हुआ और 10 मार्च को परिणाम आया। चुनावी व्यस्तता के कारण सरकार पूर्ण बजट पेश करने की स्थिति में नहीं थी।

अस्तित्व में आने वाली नई सरकार की बजट के लिए अपनी प्राथमिकताएं होती हैं। सरकार का इस बात पर जोर होता है कि चुनाव में की गई घोषणाओं की झलक बजट दिखाई दे। चूंकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले उसे आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजटीय प्रावधान करना होता है। इसलिए तात्कालिक तौर पर वह लेखानुदान, जिसे मिनी बजट भी कहा जाता है, पेश करती है।

 

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क्या होता है लेखानुदान

लेखानुदान राजस्व और खर्चों का लेखा जोखा होता है। इसमें तीन या चार महीनों के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष से धन लेने का प्रस्ताव होता है। सांविधानिक व्यवस्था के तहत राजकोष से धनराशि निकाले के लिए विधानसभा की मंजूरी आवश्यक होती है।

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