2014 के बाद अक्टूबर माह में इस बार फिर हुई अधिक बरसात
Dehradun. जयवायु चक्र के बिगड़ने के कारण मॉनसून देरी से पहुंच रहा है। वहीं वापसी में भी देरी कर रह है।
एयरपोर्ट मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि 2014 के बाद इस वर्ष अक्टूबर में भी अधिक बारिश हुई है। जिससे पहाड़ों पर तो कहर बरपा ही है। साथ ही मैदानी इलाकों में किसानों की धान की फसल खराब हुई है। वहीं बारिश के साथ चली हवाओं से गन्ने की फसल भी गिरी है। मौसम विभाग के अनुसार इस सीजन में मॉनसून एक हफ्ते से विलंब से यहां पहुंचा था। और मॉनसून 15 अक्टूबर के लगभग वापस लौट जाया करता था। लेकिन देरी से आया मॉनसून वापसी में भी देरी कर रहा है। यही कारण है कि 20 अक्टूबर बीत जाने के बाद भी आसमान में घने बादलों का डेरा जमा हुआ है। और संबधित विभाग कभी ऑरेंज तो कभी रेड अलर्ट जारी कर रहा है।
जिससे भूस्खलन, मार्गो का धंसना, फसल चक्र प्रभावित होना लगातार जारी है। विशेषज्ञ इसे ग्लोबल वार्मिंग से भी जोड़कर देख रहे हैं। बरसाती सीजन में जुलाई, अगस्त और सितंबर में भी अधिक बरसात होती थी। लेकिन अब आधा अक्टूबर बीतने के बावजूद जुलाई व अगस्त जैसी स्थिति आसमान में बनी हुई है। एयरपोर्ट मौसम विभाग में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि राज्य गठन के कुछ वर्ष बाद 2004 में 144.5 एमएम वर्षा पूरे अक्टूबर माह में दर्ज की गई थी। जबकि अक्टूबर 2008 में 69.9 एमएम वर्षा, 2014 में 71.1 एमएम वर्षा और इस अक्टूबर (2021) में एयरपोर्ट पर 20 अक्टूबर तक कुल 62.0 एमएम वर्षा दर्ज की जा चुकी है। जबकि अक्टूबर माह के अभी कुछ और दिन शेष हैं।