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गर्मी के सीजन में सर्दी का एहसास, इस बार मई में मौसम है खास

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मई में होता था पारा चालीस पार, इस बार है मौसम मेहरबान

डोईवाला। लॉक डाउन और कोरोना कर्फ्यू में अब तक मौसम मेहरबान रहा है।

पिछले वर्ष कोरोना के कारण लगे लॉक डाउन में पर्यावरण और नदियां स्वच्छ और साफ दिखाई दे रही थी। वहीं इस बार प्रचंड गर्मी के सीजन में इंद्रदेव मेहरबान हुए हैं। बुधवार और बृहस्पतिवार को हुई तेज बारिश और झोंकेदार हवाओं के कारण पारे में काफी गिरावट आ गई। जिससे लोगों को मई के महीने में भी सर्दी जैसा एहसास हुआ।

जिस कारण कई लोग बृहस्पतिवार की सुबह हल्के गर्म कपड़े पहने हुए दिखाई दिए। 15-20 मई के आसपास गर्मी अपने चरप पर होती है। जिस कारण कई बार अधिकतम तापमान चालीस या उससे भी पार चला जाता है।

लेकिन इस बार मई के मौसम में बादल हल्की बूंदा-बूंदा और फिर बुध व बृहस्पतिवार की तेज बारिश के कारण पारा 25 डिग्री के आसपास ही रहा। जिससे की सर्दियों जैसे तापमान का एहसास हुआ।

बारिश और तेज हवाओं के कारण बुधवार रात से ही बिजली आपूर्ति बाधित रही। जिस कारण पेयजल व्यवस्था भी चरमरा गई। विद्युत विभाग की टीम को घंटों बारिश के मौसम में विद्युत लाइनों में फॉल्ट ढूंढना पड़ा। डोईवाला क्षेत्र में विद्युत लाइनों पर कहीं पेड़ टुटकर गिर गए तो कहीं इंसुलेटर फट गए।

जिनकी मरम्मत करने के लिए विभाग की टीम को काफी समय लगा। घंटों की मेहनत के बाद विद्युत विभाग की टीम ने लाइन को रिस्टोर कर दिया गया।

संबधित विभाग के जेई ने कहा कि कोठारी मोहल्ले में एक आम का पेड़ लाइनों पर गिर गया था। वहीं कई स्थानों पर इंसुलेटर फट गए थे। जिसकी मरम्मत करने में विभाग की टीम को काफी समय लगा। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम 17 डिग्री के आसपास रहा। जबकि बारिश 50 मिमी0 के लगभग दर्ज की गई।

बारिश के साथ सुसवा नदी में आई काले पानी की बाढ

डोईवाला। दो दिनों की बारिश के बाद डोईवाला से होकर निकलने वाली प्रमुख नदी सुसवा में काले पानी की बाढ आई। यह काला गंदा पानी डोईवाला से होकर ऋषिकेश से हरिद्वार जा रही जीवनदायिनी गंगा नदी में मिल जा रहा है।

स्थानीय निवासी उमेद बोरा ने कहा कि वर्तमान में सुसवा नदी देहरादून की गंदगी ढोने वाली नदी बनकर रह गई है। जिससे गंगा में भारी मात्रा में प्रदूषण फैल रहा है। बारिश के बाद सुसवा में काले पानी की बाढ आ गई। जो आगे चलकर गंगा में मिल गया।

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