देहरादून। पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरिद्वार लोकसभा सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने
उत्तराखंड में रेल परियोजनाओं पर हुए कार्यों को ऐतिहासिक करार दिया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में रेल मंत्रालय अभूतपूर्व कार्य कर रहा
है. उत्तराखंड में 216 किमी लंबी तीन रेल परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है. डॉ निशंक
ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि उत्तराखंड को रेल परियोजनाओं के लिए एक
वित्तीय वर्ष में पांच हजार करोड़ से अधिक धनराशि का बजट आवंटन प्रस्तावित किया
गया है. यह 2009-2014 के वार्षिक बजट आवंटन से 2576% अधिक है.
डॉ. निशंक ने बुधवार को लोकसभा में उत्तराखंड में रेल परियोजनाओं के विस्तार को
लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव की ओर से जानकारी दी गई कि
उत्तराखंड में 216 किमी लम्बाई की तीन रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है. जिनमें
16,216.3करोड़ लागत की 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग, 791 करोड़ की 27 किमी
लंबी देवबंद-रूड़की और और 1546.24 करोड़ रूपये की 63 किमी लंबी किच्छा-खटीमा नई
रेल लाइन शामिल हैं. केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 तक
उत्तराखंड को 187 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष दिए जाते थे जो 2014 से 2019 में 259% बढ़ाकर
672 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया गया. 2019-20 में 903 करोड़ प्रतिवर्ष, 2020-21 में 1780
करोड़, 2021-22 में 4573 करोड़, 2022-23 में 4948 करोड़ कर दिया गया. 2023-24 में
उत्तराखंड के लिए रेल बजट 5004 करोड़ रुपए किया गया है, जो उत्तराखंड के लिए अब तक
का सबसे ज्यादा बजट आवंटन है.
रेल मंत्रालय ने 2014 से 2022 तक 69 किमी
रेल लाइनों का सुधारीकरण और नया निर्माण का कार्य किया, इसमें ऋषिकेश से कर्णप्रयाग
रेल पीरियोजना के तहत ऋषिकेश से वीरभद्र तक 5.7 किमी रेल लाइन का निर्माण पूर्ण कर
लिया गया है. इस परियोजना के लिए अब तक 11,237 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं और
परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है.
रेल परियोजना को मूर्तरूप दे रहा रेल विकास
निगम लिमिटेड अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए सीएसआर फंड से मधुमख्खी
पालन, जल एवं मृदा संरक्षण समेत दूसरे विकासत्मक कार्य भी कर रहा है. इसके लिए
वर्ष 2022-23 में 79.58 लाख रूपये आवंटित किये गए हैं।
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