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लॉक डाउन में भी फाइनेंस कंपनियां किश्त के लिए एयरपोर्ट टैक्सी चालकों को कर रही परेशान

एयरपोर्ट टैक्सी चालकों को फाइनेंस कंपनियां किश्त के लिए कर रही परेशान

लॉक डाउन से सैकड़ों टैक्सी चालकों के सामने संकट

देहरादून। लॉक डाउन के कारण एयरपोर्ट टैक्सी चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

एयरपोर्ट पर चार सौ के अधिक टैक्सी चालक टैक्सी चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। लेकिन लॉक डाउन के कारण उनके रोजगार पर असर हुआ है। सभी टैक्सी चालकों की टैक्सी घर में ही खड़ी है। जिस कारण उन्हे इस दौरान बड़े संकट से गुजरना पड़ रहा है। एयरपोर्ट पर बीते चौबीस मार्च रात से सभी फ्लाइटें बंद हैं। जिस कारण टैक्सी चालकों को सवारी नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

लेकिन इससे भी बड़ी परेशानी ये है कि टैक्सी चालकों की गाड़ियां लोन पर हैं। और लॉक डाउन के समय फाइनेंस कंपनियां टैक्सी चालकों पर लगातार किश्त जमा करने का दबाव बना रही हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट टैक्सी चालक मालिक समिति सचिव दिनेश कोठियाल ने कहा कि सभी टैक्सी चालक लॉक डाउन को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। लेकिन बिना टैक्सी चलाए गाड़ी की किश्त नहीं भरी जा सकती है।

फाइनेंस कंपनियां लगातार उन पर किश्त जमा करने को कह रही हैं। उनकी मांग हैं कि राज्य सरकार और संबधित विभाग इस मामले में उनकी मदद करे। और टैक्सी चालकों को इस मामले में कम से कम एक साल की छूट दी जाए।

इन्होंने कहा

लॉक डाउन के समय सरकार का पूरा फोकस लोगों को कोरोना से बचाने और गरीबों की मदद करने पर है। ऐसी स्थिति में कोई भी फाइनेंस कंपनी किसी टैक्सी चालक पर किश्त का दबान नहीं बना सकती है। वो इस मामले में संबधित अधिकारियों से बातचीत करेंगे। धीरेंद्र पंवार, विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री

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