काट ड़ाले एक करोड़ नब्बे हजार पेड़, प्रकृति का बिगड़ा संतुलन

विकास के लिए मनुष्य कर रहा विनाश की तैयारी
डोईवाला। शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला में वनस्पति विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय सेवा योजना महाविद्यालय इकाई के संयुक्त तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस पर एक ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता समन्वयक डा० एसके कुडियाल ने कहा कि विश्व में 17 लाख 50 हजार ज्ञात प्रजातियों में मानव श्रेष्ठ है। लेकिन मनुष्य अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं। 2014 और 2019 के बीच पिछले 5 वर्षों में लगभग एक करोड़ 90 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटा गया हैयह बात पर्यावरण मंत्रालय की ओर से संसद को बताई गई है। वनाग्नि व चोरी-छिपे से काटे गए पेड़ों का आंकड़ा अलग है। पेड़ों की छाया में तापमान 5 डिग्री तक कम हो जाता है।
निबंध का शीर्षक कोविड-19 का पर्यावरण पर प्रभाव था। निबंध प्रतियोगिता में 36 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान कु० अंजली नेगी बीएससी सिक्स सेमेस्टर, द्वितीय स्थान कु० अनामिका नौटियाल बीएससी फोर्थ सेमेस्टर और तृतीय स्थान कु० सोनाली खत्री बीएससी सिक्स सेमेस्टर को प्राप्त हुआ। अंजली नेगी ने लिखा कि पारिस्थितिकी प्रबंधन व संरक्षण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अनामिका नौटियाल और नेहा नौटियाल ने लिखा कि कोविड-19 से दिल्ली में यमुना तथा कानपुर व वाराणसी में गंगा के प्रदूषण स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
सोनाली खत्री ने लिखा है कि वर्तमान लॉक डॉऊन से हवा, पानी की शुद्धता बढ़ी है। काजल ने लिखा है कि कोरोना से हमें यह अवसर दिया है स्थानीय व वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय राजनीति को पारिस्थितिकी सम्मान और न्याय के तर्ज पर परिभाषित किया जाए। लक्ष्मी कोठियाल ने लिखा है कि कोविड 19 के लॉक डाउन से ओजोन परत के क्षरण में सुधार हुआ है। मौके पर प्राचार्य डीसी नैनेवाल, जीएस कंडारी, जितेंद्र नेगी, शोभा देवी, सुनील नेगी, पंकज कुमार, अर्चित गौतम, रोहन, नवनीत प्रजापति, आसिफ हसन, आकांक्षा, दिव्या उपस्थित रही।