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(वादा तेरा वादा) पास के जंगल में बाढ और गांव में सूखे जैसे हालात

जौलीग्रांट के जंगल में बेकार बह रहा है जाखन नदी का पानी

डोईवाला। अपर जौलीग्रांट से सटे हुए थानों वन रेंज के जंगल में इन दिनों बरसात और जाखन नदी में आए पानी के कारण बाढ आई हुई है।

55 नंबर वन चौकी के समीप से काफी मात्रा में जाखन नदी का पानी एयरपोर्ट-थानों मार्ग के पास से होकर रानीपोखरी पुल के पास से बहता हुआ वापस जाखन नदी में जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ पूरे जौलीग्रांट में कम बारिश होने के कारण सूखे जैसे हालात हैं। लोग नलकूप के पानी से धान की रोपाई के लिए खेत तैयार कर रहे हैं।

लेकिन सभी नलकूपों में पानी कम होने के कारण किसानों को धान की रोपाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। मतलब गांव से मात्र पांच सौ मीटर दूर जंगल में बाढ आई हुई है। जबकि किसान सिंचाई के पानी को साल भर तरसते रहते हैं।

यदि इस पानी को पाइपों के जरिए जौलीग्रांट में किसानों के खेतों तक पहुंचा दिया जाए तो किसानों के खेतों को इतना पानी मिलेगा कि पैदावार दोगुने से भी अधिक होगी। और किसान कृषि, बागवानी, सब्जी, फल उत्पादन आदि से खूब पैसा कमाएंगे। वहीं बाढ के कारण एयरपोर्ट-थानों मार्ग का कटाव भी नहीं होगा। और जंगल में बाढ से पेड़ भी सुरक्षित रहेंगे। इससे नलकूपों को भी राहत मिलेगी।

जिससे हर वर्ष लाखों रूपए की बिजली बचाई जा सकेगी। जंगल की बाढ का यह पानी जुलाई से शुरू होकर नंवबर के शुरू तक बेकार बहता है। केंद्र और राज्य सरकार जल संचय, प्राकृतिक जल स्रोत्रों के उपयोग, बिजली बचाने आदि पर बड़ी-बड़ी बातें करती है। लेकिन जहां प्राकृतिक पानी को इस्तेमाल किया जाना चाहिए वहां ध्यान नहीं दे रही है।

मुख्यमंत्री खुद गए थे किसानों के साथ

डोईवाला। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव से पहले किसानों के साथ खुद सूर्यधार तक गए थे। और किसानों से वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद वो जाखन के इस पानी को किसानों के खेतों तक पहुंचाएंगे। इस बात का उल्लेख उन्होंने अपने चुनावी दृष्टि पत्र (घोषणा पत्र) में पांचवें नंबर पर किया था। जिस कारण वो काफी अधिक वोटों से चुनाव जीते थे।

लेकिन चुनाव जीतने के बाद अब तक इस कार्य पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब क्षेत्रवासी और किसान स्थानीय भाजपा नेताओं से पूछ रहे हैं कि उनके खेतों को पानी कब मिलेगा। जिसका स्थानीय भाजपाईयों के पास कोई जवाब नहीं है।

कांग्रेस पूछ रही किसानों के सवाल

डोईवाला। जौलीग्रांट में जाखन नदी का पानी पहुंचाना भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा था। भाजपा जब भी कहती है कि उनकी सरकार ने डोईवाला में पिचासी प्रतिशत घोषणाएं पूरी कर दी हैं तो कांग्रेसी घोषणा पत्र उठाकर कहते हैं कि क्या जौलीग्रांट के किसानों की सिंचाई की समस्या हल हुई है। इस पर भाजपाई सूर्यधार बांध का जिक्र करते हैं। जिसका पानी सिंचाई के रूप में जौलीग्रांट में पहुंचने की दूर-दूर तक कोई संभावनाएं नहीं हैं।

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