
देहरादून। बृहस्पतिवार की पूरी रात हुई बारिश से क्षेत्र की प्रमुख नदियां, नाले और खाले उफान पर हैं।
पूरे बरसात के सीजन में पहली बार इतना पानी क्षेत्र की नदियों में देखा गया। सौंग, सुसवा और जाखन पूरे उफान पर हैं। खासकर रानीपोखरी क्षेत्र से बहने वाली प्रमुख नदी जाखन उफनती हुई बह रही है। दर्जनों पेड़ पानी की तेज बहाव में बह चुके हैं। करीब दो दशक पहले ऐसा पानी पूरे बरसात के दिनों में यहां की नदियों में देखा जाता था। लेकिन अब कभी-कभार ही ऐसी बारिश होती है। जिससे बरसात के सीजन में भी नदियां प्यासी रहती हैं। क्षेत्र के प्रमुख नाले, खाले भी पूरे बरसात में पानी को तरसते रहते हैं।
लेकिन बृहस्पतिवार पूरी रात हुई बारिश से नदियां उफान पर बह रही हैं। अपर जौलीग्रांट में 55 नंबर वन चौकी भिदालना नदी में आई बाढ के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गई। वन चौकी के चारों तरफ कई फीट पानी आ गया। भाजपा नेता राकेश डोभाल ने कहा कि भिदालना नदी में आई बाढ का पानी 55 नंबर वन चौकी में घुस गया। और वन चौकी चारों तरफ से बाढ के पानी के घिर गई। वहीं अठुरवाला निवासी महावीर असवाल ने कहा कि घमंडपुर और अठुरवाला के बीच से होकर बहने वाली जाखन नदी रौद्र रूप में दिखाई दे रही है। सैकड़ों पेड़ नदी में बहते हुए दिखाई दे रहे हैं।

जौलीग्रांट में एक तरफ बाढ दूसरी तरफ सूखे जैसे हालात
डोईवाला। अपर जौलीग्रांट के 55 नंबर वन चौकी के पास से भिदालना नदी का काफी पानी एयरपोर्ट मार्ग के किनारे से होता हुआ रानीपोखरी पुल के समीप जाखन नदी में बेकार बह जाता है। बरसात का यह पानी जुलाई से लेकर अक्टूबर के आसपास तक यूं ही बेकार बहता रहता है। अपर जौलीग्रांट के कुछ किसान किसी तरह इस पानी में से बहुत कम पानी अपने खेतों तक लाने में कामयाब हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ जौलीग्रांट के सैकड़ों दूसरे किसान नलकूपों से अपने खेतों की सिंचाई करते हैं।
जिससे भूजल और बिजली दोनों की बर्बादी हो रही है। यदि इस पानी को पाइपों के जरिए कुछ दूरी तक ले जाकर पहले से मौजूद सिंचाई गूलों में डाला जाए तो तीन से चार माह तक सैकड़ों बिघा कृर्षि भूमि की सिंचाई हो सकती है। इससे किसानों की आय भी बढाने में मदद मिलेगी। और सिंचाई नलकूपों की बिजली के खर्च में लाखों रूपए की बचत भी होगी।