
देहरादून। शुक्रवार की रात हुई बारिश शनिवार दिन तक जारी रही। जिससे कई स्थानों पर आपदा आई। और क्षेत्र की प्रमुख नदी सौंग, जाखन और सुसवा उफनते हुए बहने लगी।
इन उफनती नदियों ने कहीं पुलों को बहाया तो कहीं घरों में कहर बरपाया। वहीं करोड़ों की वन संपदा को भी उफनती नदियों ने अपना निवाला बनाया।
सौंग, जाखन नदियों में बेसकीमती शीशम, खैर और दूसरी प्रजातियों के काफी संख्या में पेड़ बह गए। जिससे वन महकमे को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
जिससे पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ा है। उफनती नदियों ने भारी मात्रा में भूकटाव भी किया है। वहीं देहरादून एयरपोर्ट पर भी आपदा ने कहर बरपाया है।
कुल मिलाकर उफनती नदियों ने लोगों को कम और पेड़-पौधों व भूकटाव के रूप में काफी नुकसान किया है। अब देखना ये है कि थानों वन रेंज, बड़कोट वन रेंज,
लच्छीवाला वन रेंज और राजाजी पार्क क्षेत्र के अधिकारी कितने नुकसान की रिपोर्ट तैयार करते हैं।
आपदा से लोगों व पेड़-पौधों का भले ही भारी नुकसान हुआ है। लेकिन शनिवार की आपदा खनन माफिया के लिए नदियों में सफेद सोना लेकर आई है।
डोईवाला अवैध खनन का गढ रहा है। यहां सौंग, सुसवा, जाखन और इनकी सहायक नदियों से जेसीबी से भारी मात्रा में अवैध खनन किया जाता है।
शनिवार को उफनती हुई नदियों ने नदियों में पड़े भीमकाय गढ्ढों को भरकर अवैध खनन के सबूतों को मिटा दिया। और नदियां रेज, बजरी पत्थरों से फिर से लबालब भर गई।
जिससे खनन माफिया काफी खुश है। खनन माफिया को इन नदियों के आसपास मंडराते हुए देखा गया है। जिससे चोरी की आशंका काफी बढ गई है।
