उत्तराखंड

भाजपा ने दी मंत्री प्रेमचंद को हिदायत, संयम और उचित शब्दावली का करे प्रयोग

देहरादून। भाजपा ने राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिशों पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सबका है और उसका सद्भाव बनाए रखना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। इसी क्रम में प्रदेश नेतृत्व ने कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली प्रयोग करने की हिदायत दी है। वहीं सभी से सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से होने वाली अनर्गल बयानबाजी पर अंकुश लगाने की अपील की हैं।

पार्टी मुख्यालय में आज संसदीय कार्य मंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की। अपने नेताओं कार्यकर्ताओं को दिशा देना पार्टी का कर्तव्य है और इसी संदर्भ में यह मुलाकात हुई हैं। इस दौरान उन्होंने उनके सम्मुख कुछ दिन से उनको लेकर चल रहे विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट किया। इस बैठक की जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि विधानसभा के अंदर कार्यवाही के संबंध में बतौर संसदीय कार्य मंत्री हमारी उनसे यह बातचीत हुई है। इस दौरान हमारे द्वारा उन्हें कहा गया है कि तमाम गलतफहमी या अन्य कारणों से राज्य में जिस तरह का माहौल खड़ा हुआ है वह उचित नहीं है। पार्टी उनसे सही शब्दों के चयन और संयमित व्यवहार की अपेक्षा करती है। इस दौरान मंत्री ने बताया कि जो कुछ सामने आ रहा है ऐसा मेरा भावार्थ दूर दूर तक नहीं था। फिर भी यदि गाली वाला शब्द भी है तो वह मेरे व्यक्तत्व से पहले का है, ना वह पहाड़ या मैदान को लेकर कुछ कहा गया है। श्री भट्ट ने कहा, प्रेमचंद ने इस पूरे मुद्दे पर पहले भी खेद जताया है और आज भी पार्टी के सम्मुख माफी मांगी है। उन्होंने कहा,मंत्री का जन्म भी उत्तराखंड में हुआ है, पुराने कार्यकर्ता है, राष्ट्रवादी विचारों से जुड़े और आंदोलनकारी रहे हैं।

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प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मंत्री ने खेद प्रकट करते हुए स्पष्ट किया है कि भविष्य में वह शब्दों के चयन में विशेष ध्यान रखेंगे। इस दौरान पार्टी ने भी ताकीद किया है कि राजनीतिक क्षेत्र का कोई भी कार्यकर्ता हो या जनप्रतिनिधि सबको संयम रखना होगा। लेकिन जिस प्रकार यह विषय समाज के बीच में दुष्प्रचार के रूप में आया है। पार्टी ने उसे गंभीरता से लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए हैं।

उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, अब इस प्रकार का माहौल बिगाड़ने की कोशिशों पर लगाम लगनी चाहिए। क्योंकि इसी तरह एक पक्ष बोलेगा, फिर दूसरा प्रतिक्रिया देगा तो राज्य का माहौल खराब होगा। उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी अपील की कि जिस तरह सोशल मीडिया के माध्यम से देवभूमि का सौहार्द पर चोट पहुंचाई जा रही है उसकर अंकुश लगना चाहिए। इस सबके लिए कोई एक व्यक्ति दोषी नहीं है आज सोशल मीडिया में जिस प्रकार से तमाम टिप्पणी लिखी जा रही है तमाम पोस्ट की जा रही हैं, उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है।और इससे राज्य का सद्भाव भी ख़राब होगा इसे बनाये रखना हरेक प्रदेश वासी का नैतिक कर्तव्य है ।

वहीं उन्होंने इस पूरे विवाद पर पार्टी का रुख स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सबका है और इसका सद्भाव बनाए रखना हम सबका दायित्व है। कुछ लोग इसे खराब कर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। विशेषकर राजनीतिक लोगों के बयान सामने आ रहे हैं वह बेहद गैरजिम्मेदाराना हैं। निकाय चुनावों में जिस तरह ऋषिकेश में जाति और क्षेत्रवाद के मुद्दे को उठाया गया, कांग्रेस के एक विधायक साथी जनप्रतिनिधि को जूता मारने की बात कह रहे हैं । इस प्रकार के माहौल को खड़ा करने वाले वही लोग हैं जो देवभूमि के अंदर एकता को पसंद नहीं करते हैं।

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