गौचर / चमोली 22 जनवरी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के टनल़ों के निर्माण में
लगातार हो रहे विस्फोटों से मकानों में दरार पड़ने का सिलसिला जारी रहने से क्षेत्र वासी भारी दहशत में आ गए हैं।
इन लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं यहां का भी जोशीमठ जैसा हश्र न हो
जाए। दरअसल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए गौचर के समीप रानौ गांव की सीमा पर
टनल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस टनल के निर्माण में कार्यदाई कंपनियों द्वारा रात
दिन भारी भरकम विस्फोटकों का प्रयोग किए जाने से भटनगर, बंदरखंड, बमोथ, क्यारखू में
कई मकानों में दरारें पड़ने से लोग दहशत में आ गए हैं। इन लोगों का कहना है कि विस्फोटकों
की कंपन से उनकी रातों की नींद तथा दिन का चैन छिन गया है। भटनगर के हरीश नयाल,
राजेंद्र नयाल, दिगपाल सिंह, कुंदन सिंह, राजेंद्र खत्री, राकेश खत्री, राकेश नेगी, भीम सिंह,
गोविंद सिंह, चन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह, राजबर सिंह, हर्षपति बहुगुणा, दिलबर सिंह, क्यारखू के
जगदीश प्रसाद खाली आदि लोगों का कहना है कि रेल लाइन का निर्माण कार्य कर रही
कंपनियों द्वारा रात दिन किए जा रहे विस्फोटों के प्रयोग से उनके मकानों में पड़ी दरारें चौड़ी
होती जा रही हैं। इस संबंध में कई बार कार्यदाई कंपनियों से शिकायत की गई लेकिन कोई
सुनने को तैयार ही नहीं है। इन लोगों का कहना सरकार को शीघ्र विस्फोटकों के प्रयोग पर
प्रतिबंध लगाकर उनकी मकानों को हुई क्षति का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
भटनगर महिला संगठन अध्यक्ष कमला देवी का कहना है कि समय रहते रेल लाइन निर्माण में
प्रयोग किए जा रहे विस्फोटकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब यहां का
भी जोशीमठ जैसा हश्र न हो जाए।
ललिता प्रसाद लखेड़ा
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