चिल्ड्रन्स होम ही है छात्र की मौत का जिम्मेदार, बाल संरक्षण आयोग ने अपनाया कड़ा रूख
बाल संरक्षण आयोग की टीम ने किया हॉस्टल का निरीक्षण
देहरादून। सोमवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम ने चिल्ड्रन्स होम एकेडमी भोगपुर, रानीपोखरी में जाकर मौके का निरीक्षण किया।
चिल्ड्रन्स होम एकेडमी भोगपुर में आयोग की टीम को कई खामियां मिली। जिस पर आयोग ने कड़ा रूख अपनाते हुए मंगलवार को मिशनरी संस्था के सचिव को आयोग के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। बीते शुक्रवार को चिल्ड्रन्स होम एकेडमी भोगपुर के आठवीं कक्षा के छात्र अभिषेक की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई थी। इसी मामले को लेकर बाल संरक्षण आयोग की टीम ने मौके पर जाकर बारीकी से निरीक्षण किया। जांच के दौरान टीम ने पाया कि मृतक छात्र अभिषेक की 14 सितंबर से तबीयत खराब चल रही थी। लेकिन हॉस्टल की वार्डन 16 सितंबर तक छात्र को खुद ही बुखार ही दवा खिलाती रही। और जब छात्र की तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो उसे 19 तारीख को अस्पताल ले जाया गया। जहां 20 सितंबर को उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
आयोग ने पाया कि हॉस्टल में लगभग 400 बच्चे हैं। लेकिन वहां कोई भी नर्स नहीं है। वार्डन ही बीमार होने पर 400 बच्चों की देखभाल करती है। वर्तमान में भी हॉस्टल में 3 छात्रांए और 2 छात्र बीमार पाए गए हैं। जिन्हे एम्स में भर्ती करने के आदेश दिए गए हैं। चिल्ड्रन्स होम में बच्चों के खाने में भी कई खामियां पाई गई हैं। विद्यार्थियों को पोष्टिक भोजन नहीं दिया जा रहा है। केवल दाल-चावल और शाम को सब्जी के साथ सूखी रोटी दी जा रही हैं। स्वच्छता पर भी ध्यान नहीं है। आसपास में बड़ी घास उगी हुई है। कहीं किसी तरह का कोई दवा का छिड़काव नहीं किया गया है। जिस पर आयोग ने सख्त रूख अपनाते हुए खामियों को जल्द दुरूस्त करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बीते 10 मार्च को चिल्ड्रन्स होम एकेडमी में सातवीं कक्षा के छात्र वायु यादव (12) की बल्ले से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। और इस मामले में पुलिस ने कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। चिल्ड्रन्स होम में निरीक्षण के दौरान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी, तहसीलदार रेखा आर्य, निजी सचिव कमल गुप्ता आदि शामिल रहे।
दसवीं और बारहवीं की मान्यता हो चुकी है रद्द
देहरादून। वायु हत्याकांड के बाद चिल्ड्रन्स होम एकेडमी भोगपुर की दसवीं और बारहवीं की मान्यता रद्द कर दी गई है। जिसे बहाल करने के लिए स्कूल प्रबंधकों ने मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। फिलहाल छात्र-छात्राओं को दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा जा रहा है। बाल संरक्षण आयोग के निजी सचिव कमल गुप्ता ने कहा कि मृतक छात्र अभिषेक के अभिभावकों से संपर्क करने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन अभी तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
कबरिस्तान में भी पाई गई खामी
देहरादून। आयोग की टीम ने हॉस्टल से कुछ दूरी पर स्थित कबरिस्तान का भी दौरा किया। जहां कई खामिया पाई गई। कबरिस्तान कच्चे बने हुए पाए गए। साथ ही उनमें मृतकों के नाम और मृत्यु की तिथि भी अंकित नहीं है।
इन्होंने कहा
अभिषेक को तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्ताल की ओपीडी में लाया गया था। उसे पांच या छह दिन से बुखार और खांसी थी। जिस कारण वो बोल भी नहीं पा रहा था। जांच में निमोनिया निकला। जिसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डां0 वाईएस बिष्ट, चिकिस्ताधिक्षक जौलीग्रांट।