उत्तराखंड

मलिन बस्तियों के अध्यादेश की सीमा का आज आखिरी दिन, सीएम धामी का बयान आया सामने, बस्ती वासियों के हक में होगा फैसला

देहरादून। उत्तराखंड में साल 2018 में नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को आदेश दिया था, की मलिन बस्तियों को हटाया जाए इन सभी लोगों को सरकार दूसरी जगह स्थापित करें। लेकिन बड़े पैमाने पर प्रदेश के कई हिस्सों में मलिन बस्तियां हैं ऐसे में लाखों लोगों को हटाकर कहां स्थापित किया जाए सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। साल 2018 में भाजपा सरकार 3 वर्ष के लिए अध्यादेश लेकर आई। साल 2021 में इसे 3 साल के लिए और बढ़ाया गया। मलिन बस्तियों के अध्यादेश का समय अब पूरा हो रहा है। ऐसे में आप एक बार फिर से सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर से सरकार अध्यादेश ला रही है या फिर इस बार स्थाई समाधान की ओर काम होगा। उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा हुई है राज्य सरकार चाहती है कि कोई स्थाई समाधान किया जाए। आज या कल में सरकार त्वरित समाधान करने जा रही है। लेकिन लंबे समाधान पर भी चर्चा हो रही है । वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी कहना है की मलिन बस्ती वाले लोगों के हक में सरकार फैसला लेगी और जो लोग जहां हैं वह यथावत रहेंगे।

कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार का कहना है कि साल 2016 में कांग्रेस सरकार ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी और सरकार ने बाकायदा विधानसभा से मलिन बस्तियों के लिए एक्ट बनाया था। लेकिन राज्य सरकार ने उसे पर कोई काम नहीं किया। पूर्व विधायक राजकुमार का कहना है कि खुद वह कमेटी के अध्यक्ष थे और पूरी चर्चा के बाद मलिन बस्तियों के लिए ही एक्ट लाया गया था। अगर इस बार सरकार स्थाई समाधान नहीं लाती है तो फिर विपक्ष सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगा।

ये भी पढ़ें:  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में किया 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ, कहा- Prevention is better than cure (इलाज से बेहतर रोकथाम है)-की भावना को साकार करता है योग

उत्तराखंड में मलिन बस्तियों को लेकर राजनीति कोई नई-नई है कांग्रेस और भाजपा दोनों एक दूसरे पर इस मुद्दे पर हमला करती रहीहैं। मलिन बस्तियों के मतदाता को लेकर सारी राजनीति होती है। ऐसे में लग रहा है एक बार फिर से सरकार अध्यादेश जारी करके फिलहाल इस समस्या का समाधान करेगी।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!