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कोरोनाकाल में घर-घर जाकर छोटे बच्चों का वजन करेंगी आंगनबाड़ी

घर-घर जाकर वजन करने से बढ सकता है संक्रमण का खतरा

देहरादून। कोरोना विस्फोट के बीच बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी वर्कर को घर-घर जाकर छोटे बच्चों का वजन करने के आदेश दिए हैं।

19 जून को बाल विकास विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि आंगनबाड़ी वर्कर को आगामी पांच जुलाई से दस जुलाई तक घर-घर जाकर बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को टेक होम राशन वितरित करना है।

इसी दौरान छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों का वजन भी घर-घर जाकर करना है। वर्तमान में जिस तरह कोरोना ने महामारी का रूप ले लिया है। और विस्फोटक स्थिति सामने आ चुकी है। ऐसे में आंगनबाड़ी का घर-घर जाकर छोटे बच्चों का वजन करने से संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ जाएगा।

एक ही मशीन को आंगनबाड़ी द्वारा एक घर से दूसरे घर ले जाया जाएगा। छोटे बच्चों में बड़ों के मुकाबले संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा होता है। यदि मशीन को सेनेटाइज भी कर दिया जाएगा। तब भी आंगनबाड़ी वर्कर तो छोटे बच्चों और लोगों के संपर्क में आएंगी। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा है।

विभाग के फैसले से छोटे बच्चों को खतरे में डाला जा रहा है। वहीं कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए लोग भी अपने छोटे बच्चों का वजन करवाएंगे या नहीं इस पर भी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

उत्तरांचल आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश महामंत्री सुशीला खत्री ने कहा कि संक्रमण को देखते हुए बाल विकास विभाग को फिलहाल इस फैसले पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। उन्होंने इस संबध में संबधित विभाग और प्रशासन को ज्ञापन भेजकर अवगत करवा दिया है। कहा कि कोरोना में आंगनबाड़ी वर्कर की कई-कई ड्यूटी लगाई गई है।

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जिन आंगनबाड़ी के छोटे बच्चे हैं। उन्हे भी कोरोना की ड्यूटी पर लगाया है। सुपरवाइजर रेणु लांबा ने कहा कि बच्चों के वजन संबधी मामले में विभाग को अवगत करवा दिया गया है। जबकि इस संबध में मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र पंवार, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या और सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक से फोन पर संपर्क नहीं हो सका।

संशोधित आदेश में वजन की मशीन बदली

देहरादून। बाल विकास विभाग के अधिकारियों की तरफ से छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों का घर-घर जाकर वजन करने के दो आदेश जारी किए गए हैं।

दूसरे आदेश में कहा गया है कि अब आंगनबाड़ी बच्चों का वजन करते समय साल्टर वेट मशीन के स्थान पर मशीन पर खड़े होकर वजन करने वाली मशीन का प्रयोग करेंगी। जिसमें पहले मां का वजन किया जाएगा। उसके बाद मां बच्चे को गोद में लेकर मशीन पर खड़ी होगी। इससे विभाग को लगता है कि मशीन बदलने से संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा।

आंगनबाड़ी केंद्रो में नहीं है वजन करने वाली मशीन

देहरादून। आंगनबाड़ी को घर-घर जाकर जिस मशीन से छोटे बच्चों का वजन करने को कहा गया है। वो मशीन अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं है। या घटिया क्वालिटी की होने के कारण खराब पड़ी है। बिना मशीन के आंगनबाड़ी का छोटे बच्चों का वजन कर पाना मुश्किल है।

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