
देहरादून। राजीव गांधी पंचायत राज संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा व पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के आह्वान पर संगठन द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत “काम मांगो अभियान” का कार्यक्रम पूरे प्रदेश में शुरू किया गया ।
इस कार्यक्रम की शुरुआत टिहरी गढ़वाल जिले के थोलदार ब्लॉक से की गई । टिहरी गढ़वाल संयोजक कुलदीप सिंह पवार के नेतृत्व में थौलधार ब्लॉक के ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जिसमें ग्राम सभा में आए प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम देने की मांग की गई ।
इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश की सभी पंचायतों में प्रवासी मजदूरों के लिए काम मांगा जायेगा व जिनके जॉब कार्ड नही बने हैं उनका जॉब कार्ड बनाया जाएगा । उत्त्तराखण्ड राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के प्रदेश संयोजक मोहित उनियाल ने बताया कि ज़ूम मीटिंग के माध्यम से संगठन के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों का संवाद राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ किया गया व यह फैसला लिया गया कि यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से आयोजित किये जाएंगे । उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (मनरेगा) ने श्रमिकों को दस अधिकार दिये हैं ।
इनमें प्रत्येक परिवार को अपनी ही पंचायत में साल में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी, रजिस्ट्रेशन के बाद परिवार के जॉब कार्ड पाने,आवेदन के पश्चात दिनाक सहित रसीद पाने,काम मांगने के 15 दिनों में 5 किमी के दायरे में काम पाने, काम उपलब्ध नही होने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता पाने, कार्य पूरा करने पर न्यूनतम मजदुरी पाने, कार्य स्थल पर छाया, पानी जैसी आधारभूत सुविधा होने,15 दिनों में भुगतान नही होने पर क्षतिपूर्ति भत्ता पाने, कार्य से संबंधित दस्तावेजों को देखने तथा शिकायत दर्ज करवाने के एक सप्ताह के भीतर निपटारे का हक सम्मिलित है ।
उन्होंने बताया कि उत्त्तराखण्ड प्रदेश में अभी 100 दिन की जगह औसत सिर्फ 42 दिन का ही रोजगार दिया गया है व काम न मिलने पर राज्य में किसी को भी बेरोजगारी भत्ता नही दिया गया है । प्रदेश में 11 लाख जॉबकार्ड धारकों में से सिर्फ 22 हज़ार लोगो को ही 100 दिन का रोजगार मिला है जो बहुत ही दुख का विषय है ।
उनियाल ने बताया कि अभियान के दौरान ग्रामीणों को इन सभी प्रावधानों के बारे में बताया जाएगा । मौके पर ही फॉर्म-6 भरवाया जाएगा तथा जिनके जॉब कार्ड नही बने हैं उनके जॉब कार्ड का आवेदन कराया जाएगा । अभियान के दौरान प्राप्त आवेदन ग्राम पंचायत को सुपुर्द किये जायेंगे तथा इनका नियमित फीडबैक लिया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अपने अपने गांवो में लौट रहे हैं । इन ग्रामीणों को मनरेगा के प्रावधानों से अवगत करवाया जाएगा तथा इन्हें अपने गांव में ही रहते हुए मनरेगा के तहत मजदुरी करने का अवसर दिया जाएगा ।
उन्होंने बताया की यूपीए सरकार द्वारा मनरेगा की शुरुआत की गई थी तथा ग्रामीणों को इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए । इस दौरान गांव में आये प्रवासियों की सूची भी बनाई जाएगी तथा कार्यक्रम के उपरांत भी इनसे व्यक्तिगत मुलाकात करते हुए रोजगार के लिए आवेदन कराया जाएगा ।
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