उत्तराखंड

डीएम सविन बसंल की सख्ती से झुलसे कर्मचारी को मिला न्याय, कंपनी देगी पूरा वेतन, उपचार और नौकरी

  • कम्पनी में ही कार्य के दौरान आग से झुलसने पर तथाकथित बड़ी फार्मा कम्पनी ने दरकिनार किया अपना ही कर्मचारी राहुल
  • वेतन और उपचार कराने से किया इनकार; व्यथित फरियादी पहुंचा डीएम द्वार
  • डीएम के तेवर देख कम्पनी के बदले स्वर; वेतन; उपचार; रि-ज्वाईनिंग की दी लिखित अन्डरटेकिंग
  • घायल तड़पते कर्मचारी को बेइलाज निकाल बाहर किया कम्पनी ने
  • जनमन के अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाएगा जिला प्रशासन
  • सीएम से सीखः मानव मूल्य सर्वोपरि
  • मानव मूल्य प्रथम; जिला प्रशासन के तेवर देख बदल गए कम्पनी के पदचिन्ह
  • कंपनी में आग लगने के हादसे में घायल हो गए थे कम्पनी के मेंटेनेंस अधिकारी सुनील कुमार

देहरादून : बिरलती मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश निवासी राहुल कुमार ने जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में 2 अगस्त को कलेक्ट्रेट पंहुचकर जिलाधिकारी सविन बसंल को फरियाद सुनाते हुए बताया कि वह हब फारमेस्यूटिकल्स एण्ड रिसर्च कम्पनी सेलाकुई में मैंटेनेंस आफिसर के पद कार्यरत है नवम्बर 2024 में कम्पनी में आग लग गई तथा आग की पेट में आने से वह बुरी तहर झुलस गए थे। अभी पूर्ण रूप से ठीक नही हो पाए है। कम्पनी ने वेतन देने तथा उपचार कराने से मना कर रही है। जनमन के अधिकारों के हनन पर प्रशासन सख्त रूप अपनाया, जिस पर कम्पनी ने राहुल कुमार के सम्पूर्ण उपचार, वेतन तथा ठीक होने के बाद रि-ज्वाईनिंग की लिखित अन्डरटेकिंग दे दी है।

जिलाधिकारी व्यथित राहुल की फरियाद सुनते हुए सहायक श्रम आयुक्त को श्रमकानून के अन्तर्गत के अन्तर्गत एक्शन लेते हुए कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए। डीएम के निर्देश पर श्रम विभाग द्वारा दोनो पक्षों को बुलाते हुए डीएम का फरमान सुनाया। कम्पनी में कार्य के दौरान आग से झुलसे अपने कर्मचारी राहुल को दरकिनार कर दिया था। मुख्यमंत्री से सीख मानव मूल्य सर्वप्रथम की राह पर जिला प्रशासन जनमन के अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। हाल के 8 माह में ऐसे कई प्रकरण आए हैं जिनमें जिला प्रशासन ने आगे आते हुए अडिग रूप से व्यथित, असहाय के अधिकारों के लिए पुरजोर लड़ाई करते हुए जनमानस को उनका हक दिलाया है।

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जिला प्रशासन के हरकत में आते ही कम्पनी ने लिखित रूप में जिम्मेदारी लेते हुए दिया कि जब तक सुनील कुमार का उपचार चल रहा है कम्पनी उनके उपचार का वहन उठाएगी तथा सीधे चिकित्सक को भुगतान करेगी साथ ही प्रतिमाह वेतन पीएफ कटौती के साथ ही उनके खाते में हस्तांरित किया जाएगा तथा स्वस्थ होने पर पुनः कम्पनी में ज्वाइनिंग दी जाएगी।

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