Dehradun. भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के प्रत्याशी अब तक तय न होने के कारण डोईवाला हॉट सीट पर अब डबल सस्पेंस पैदा हो गया है।
भाजपा अब तक 59 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है। लेकिन डोईवाला सीट पर अभी भी भाजपा हाईकमान कोई फैसला नहीं कर पाई है। भाजपा की राह पर ही कांग्रेस चलते हुए 53 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। लेकिन कांग्रेस भी डोईवाला सीट पर असमंजस में है। डोईवाला विधायक और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।
वहीं पूर्व काबीना मंत्री और डोईवाला से पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट को डोईवाला की जगह रायपुर से टिकट दिया गया है। दोनों ही पार्टियों ने डोईवाला में अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। इस तरह पहले बीजेपी और अब कांग्रेस की तरफ भी डोईवाला पर डबल सस्पेंस पैदा हो गया है। भाजपा हाईकमान की रणनीति समझी जा सकती है।
यदि डोईवाला से त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव जीतते और सीएम धामी भी अपनी सीट से जीतते तो कौन बनेगा मुख्यमंत्री जैसा संकट भाजपा हाईकमान के सामने पैदा हो सकता था।
जिस कारण भाजपा ने डोईवाला से त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है। लेकिन कांग्रेस ने डोईवाला से पिछले काफी समय से तैयारी कर रहे पूर्व काबीना मंत्री और डोईवाला के पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट को किस कारण रायुपर भेजा है।
ये सियासी जानकार भी नहीं समझ पा रहे हैं कि कांग्रेस किस नेता को डोईवाला से चुनावी मैदान में उतारना चाहती है। लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ के बड़े नेताओं के डोईवाला से हटने के बाद अब दोनों पार्टियों से स्थानीय नेताओं को टिकट मिलने की संभावनाएं बनी हैं। यदि दोनों पार्टियां स्थानीय को टिकट देती है तो इससे क्षेत्रवासियों की वर्षो पुरानी स्थानीय को टिकट की मांग पूरी हो सकती है।
लेकिन डोईवाला जैसी हॉट सीट पर दोनों तरफ या फिर किसी एक तरफ से कोई चौकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है। इसलिए डोईवाला में पैराशूट प्रत्याशी या स्थानीय प्रत्याशी होगा। इस पर फिलहाल डबल सस्पेंस बरकरार है।
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