भारी गर्जना के साथ दून के आसमान में सुखाई विमानों ने भरी उड़ान
दून के आसमान में फिर गरजे सुखोई विमान
डोईवाला। मंगलवार के दिन जौलीग्रांट एयरपोर्ट का आसमान सुखोई विमानों की भारी गर्जना से थर्रा गया।
करीब 3 सुखोई विमानों ने दून के आसमान में भारी गर्जना के साथ उड़ान भरी। हालांकि इनमें से कोई भी विमान एयरपोर्ट पर लैंड नहीं हुआ।
लेकिन एक सुखोई विमान ने एयरपोर्ट रनवे के ऊपर काफी करीब से आसमान से उड़ान भरी। कई बार इधर से उधर उड़ान भरने के बाद हुए सुखोई विमान आगे बढ़ गए। सुखोई विमानों की भारी गर्जना सुनकर लोग घरों से बाहर आ गए। और काफी लोग छतों पर चढ़कर इन विमानों को देखने लगे।
मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे के लगभग इन सुखोई विमानों ने देहरादून के आसमान में उड़ान भरी। काफी देर तक सुखोई विमान एक छोर से दूसरे छोर उड़ान भरते रहे। आसमान में कई उड़ान भरने के बाद सुखोई विमान दून के आसमान से आगे बढ़ गए।
सुखोई विमान की भारी गर्जना के कारण दून का आसमान थर्रा गया। ऐसा लग रहा था जैसे दून के आसमान में फाइटर विमानों की कोई खास ट्रेनिंग या एयर शो किया जा रहा है। दो विमान आसमान में काफी ऊंचाई पर उड़ रहे थे। जो नीचे से दिखाई नहीं दे रहे थे। सिर्फ उनकी आवाज ही लोगों तक पहुंच रही थी।
जबकि एक विमान आसमान में काफी नीचे एयरपोर्ट के ऊपर उड़ान भर रहा था। जिसे लोग कुछ पल ही देख पाए। सुखाई विमान की रफ्तार इतनी तेज थी कि जब तक लोग उसे ढंग से देख पाते तब तक वो आंखों से ओझल हो रहा था। लगभग चार वर्ष पहले भी सुखाई विमानों ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग करते हुए कई उड़ानें दून के आसमान में भरी थी।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट का है सामरिक महत्व
डोईवाला। जौलीग्रांट का एयरपोर्ट पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से ही नहीं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। भारतीय वायु सेना इस एयरपोर्ट पर सी 17 ग्लोबमास्टर जैसे भीमकाय एयरक्राफ्ट से लेकर कई लड़ाकू विमान इस एयरपोर्ट पर उतार चुकी है।
प्रदेश की सीमा कई पड़ोसी देशों खासकर चीन से सटी होने के कारण इस एयरपोर्ट का महत्व काफी बढ जाता है। यही कारण है कि इस एयरपोर्ट पर कार्मिशियल, प्राईवेट विमानों की साथ ही फाइजर विमानों की आवाजाही भी रहती है।