गौचर / चमोली 04 जनवरी। सीमांत जनपद चमोली ट्राउट फिस पालन में तेजी से आगे बढ
रहा है। यहां के किसान व्यक्तिगत एवं समूहों में ट्राउट मत्स्य पालन कर स्वरोजगार में सराहनीय
कार्य कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा मत्स्य पालकों की आर्थिकी सुदृढ करने के दिशा में
निरतंर कार्य किए जा रहे है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के निर्देशन में ल्वाणी गांव में
जल्द ही मछलियों का वैक्यूम पैकेजिंग प्लांट भी लगने जा रहा है। इस प्लांट मे मछलियों को
आइस के साथ पैकिंग कर स्थानीय एवं बडे बाजारों में बेचा जा सकेगा और मछली पालकों को अच्छे दाम मिलेंगे।
जिले में किसान को प्रशिक्षण देकर मत्स्य बीज उत्पादन से भी जोडा गया है। किसान स्वयं के
तालाबों में मत्स्य बीज संचित करने के बाद इसको अन्य किसानों को बेच सकेंगे। इस समय
एक ट्राउट मत्स्य बीज की कीमत रू 5.5 प्रति पीस है। जनपद में वर्तमान में केवल दो हैचरियों
से ही मत्स्य बीज वितरित किया जाता है। ऐसे में यहां के मत्स्य पालक इस क्षेत्र में भी आगे बढ
रहे हैं। पिछले साल वाण गांव की समिति द्वारा रू.13 लाख का मत्स्य बीज पैदा किया गया।
इसको देखते हुए चलियापाणी, ल्वाणी जैसी समितियों के साथ व्यक्तिगत रूप ग्राम मंडल के
किसान दिलवर लाल, पवन राणा, सिदोली के विक्रम सिंह एवं नन्दनगर घाट के पृथ्वीराज
जैसे अन्य काश्तकार भी मत्स्य बीज उत्पादन कार्य में जुटे है। जो कि आने वाले समय में
रोजगार के क्षेत्र में क्रान्तिकारी कदम साबित होगा।
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