डोईवाला। हरज्ञान चंद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में वार्षिक उत्सव धूमधाम से मनाया गया।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की और
मेधावी बच्चों को सम्मानित कर विद्यालय को क्षेत्र की रीढ़ बताया। साथ ही विद्यालय के
मेधावी बच्चों को कमला नेहरू पुरस्कार से सम्मानित भी किया।
शुक्रवार को विद्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद
अग्रवाल ने माँ शारदा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हर ज्ञानचंद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में
संस्कारवान शिक्षा दी जा रही है, यहां से शिक्षित होकर बच्चे विद्यालय ही नहीं बल्कि
माता-पिता व प्रदेश का नाम देश भर में रोशन कर रहे हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि वार्षिकोत्सव विद्यालय की वार्षिक प्रस्तुति को दर्शाता है और यह
आवश्यक भी है। वार्षिकोत्सव के जरिए विद्यालय के बच्चों को प्रतिभा निखारने का
अवसर मिलता है। इस तरह के कार्यक्रमों में विभिन्न राज्यों की संस्कृति एक मंच पर देखने
को मिलती है। यही भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता का उदाहरण हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि वार्षिकोत्सव शिक्षक की भी परफारमेंस को दर्शाता है। पूरे वर्षभर
बच्चों को दी गई शिक्षा, प्रशिक्षण, शारीरिक और सांस्कृतिक अभ्यास की दीक्षा का परीक्षण किया जाता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारत के बच्चें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही तकनीकी शिक्षा
की ओर बढ़े, इसके लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई है। हमारे राज्य के लिए गौरव की बात है
कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा दोनों में राष्ट्रीय
शिक्षा नीति-2022 को लागू किया है। एक शिक्षित और संस्कारी समाज के निर्माण में
शिक्षकों की विशेष भूमिका रहती है। नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी
शिक्षकों को पूरे मनोयोग से कार्य करने होंगे। यह महान कार्य तभी पूर्ण होगा जब नई शिक्षा
नीति पूर्ण रूप से पूरे देश में लागू हो जाएगी। डॉ अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा नीति को लागू करने
के इस अभियान में हमारे शिक्षक पूर्ण उत्साह से कार्य कर रहे हैं। यह हमारे राज्य के लिए
गौरव की बात है कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा
दोनों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 को लागू किया है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में नए भारत के निर्माण और सामर्थ्य को
सार्थक करने में यह शिक्षा नीति अपनी प्रभावी भूमिका का निर्वहन करने में सफल होगी।
नई शिक्षा नीति में मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग पर विशेष बल दिया गया है।
यह कदम जहां एक ओर देश के सर्वांगीण विकास हेतु सहायक सिद्ध होगा वहीं देश को
एकता के एक सूत्र में पिरोने का कार्य भी करेगा।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि एक शिक्षित और संस्कारी समाज के निर्माण में शिक्षकों की
विशेष भूमिका रहती है। नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी शिक्षकों को
पूरे मनोयोग से कार्य करने होंगे। यह महान कार्य तभी पूर्ण होगा जब नई शिक्षा नीति पूर्ण
रूप से पूरे देश में लागू हो जाएगी। शिक्षा नीति को लागू करने के इस अभियान में हमारे
शिक्षक पूर्ण उत्साह से कार्य कर रहे हैं। इस मौके पर मंदीप बजाज, राजेंद्र बडोनी, ईश्वर चंद
अग्रवाल, कैलाश मित्तल, आनंद गुप्ता, नरेंद्र गोयल, वीरेंद्र जिंदल, सियाराम गिरी, सम्पूर्णा
नन्द थपलियाल, चंद्रशेखर गैरोला, संचित पांडे, हरिओम गुप्ता, भारत गुप्ता आदि स्कूली बच्चे व अभिभावक मौजूद रहे।
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