Dehradun. टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र कंडल अठुरवाला की खेती लगातार दूसरी बार नहीं बोई गई है।
दुर्गा चौक के समीप सिंचाई का नलकूप खराब होने के कारण ग्रामीण न तो गेहूं की फसल बो सके और न धान की फसल की बुआई की है। इसके अलावा सरसों या तोड़िया बोने की भी गुंजाइश नहीं बची है। विभिन्न माध्यमों से शिकायत करने के बावजूद अभी तक कहीं सुनवाई नहीं हुई है।
ग्रामीण अपनी समस्या के लिए मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, क्षेत्रीय सांसद रमेश पोखरियाल तक अपनी फरियाद पहुंचा चुके हैं। और अब बजट का रोना रोया जा रहा है।
ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि अभी वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई है। जिस कारण सैकड़ों किसान अपनी खेती नहीं कर पा रहे हैं। यह वही ग्रामीण है जिन लोगों ने टिहरी बांध के लिए अपनी पैतृक संपत्ति सरकार को दी थी। लेकिन अब उन्हे खेती में सिंचाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
अठुरवाला निवासी गजेंद्र रावत ने कहा कि खेती और किसानी पहले ही घाटे का सौदा साबित हो रही है। ऐसे में यदि किसानों के खेतों को सिंचाई का पानी नहीं मिलेगा तो किसान और किसानी दोनों खत्म हो जाएंगे।
और किसानों की आय दोगुना करने का वादा जुमला साबित होगा। कहा कि यदि शीघ्र ही ट्यूबवेल का निर्माण नहीं करवाया गया तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।