शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हैं चीनी सैनिक
देहरादून। चीन अपने बारे में जो भी खबरें और वीडियो जारी करता है। वो पूरी तरह सच नहीं होते हैं।
अनुशासन, साहस और पराक्रम में मामले में चीनी सैनिक वहां के सामान की तरह ही वक्त आने पर फुस्स साबित होते हैं। चीन में लगभग 35 प्रतिशत सैनिकों की भर्ती अनिवार्य सेवा के तहत की जाती है। ये वो सैनिक हैं जिन्हे जबरन दो वर्ष के लिए सेना की वर्दी पहनाई जाती है।
चीन की सेना में 25 प्रतिशत सैनिक शराबी, 20 प्रतिशत शारीरिक रूप से फिट नहीं हैं। सबसे ज्यादा मनोरोगी भी चीनी की सेना में ही हैं। इसलिए हर यूनिट में मनोचिकित्सकों की तैनाती की गई है।
चीनी की सेना ने 41 साल पहले 1979 में वियतनाम के साथ युद्ध लड़ा था। जिसमें उसे हार मिली थी। इसलिए 41 साल से चीन को युद्ध लड़ने का कोई अनुभव नहीं है। जबकि भारत एयर स्ट्राइक, सर्जिकल स्ट्राइक सहित लगभग हर वर्ष माऊवादी, अलगाववादी, आंतकवाद सहित किसी न किसी मोर्चे पर डटा रहता है।
वन चाइल्ड पॉलिसी के कारण ज्यादातर चीनी सैनिक अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। जिन्हे अपने देश से ज्यादा अपने परिवार से लगाव है। 2015 में दक्षिण सूडान में चीन के सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति मिशन के तहत शरणार्थी कैंपों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें चीन के सैनिकों को वहां के शरणार्थियों की सुरक्षा करनी थी। लेकिन शरणार्थी कैंपों पर विद्रोहियों का हमला होते ही चीन के सैनिक अपनी पोस्ट छोड़कर भाग खड़े हुए।
तब रिजर्व में रखी भारत की सातवीं कुमाऊ रेजीमेंट के जवानों ने शरणार्थियों की रक्षा की थी। और तब दक्षिण सुडान के कमांडर ने भारत की सेना की खूब तारीफ की थी। इसलिए चीन और वहां के सैनिकों की जो बातें या वीडियो सामने लाए जाते हैं। वो पूरी तरह गलत हैं। भारत की सेना को देशवासी सलाम करते हैं। वहीं दूसरी तरफ चीनी सेना को वहां के लोग दमनकारी मानते हैं। इसलिए भारत की सेना के पराक्रम के सामने चीन की सेना कहीं ठहरती नहीं है।
पुरानी पीढी के विमान से मार गिराया था एफ 16 को
देहरादून। बालाकोट में भारत की एयर स्ट्राइक के वक्त भारतीय वायु सेना के जांबाज पायलट अभिनंदन ने अपने पुराने पीढी के विमान मिग 21 से पाकिस्तान के एफ 16 विमान को मार गिराया था। जबकि एफ 16 विमान अमेरिका में बना आधुनिक पीढी का विमान है। इससे साफ है कि भारत की सेना के साहस और पराक्रम के सामने कोई नहीं टिक सकता है।