देहरादून। उत्तराखंड वन विकास निगम लि0 द्वारा आरक्षित वन क्षेत्रान्तर्गत स्थित खनन लॉट जाखन-2 में उप खनिज बालू, बजरी बोल्डर के खनन को पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक सुनवाई गई।
बडकोट वन रेंज के अंतर्गत अठुरवाला के पास स्थित वन चौकी में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोगों और जनप्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं रखी। वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक आईएस नेगी ने कहा कि जन सुनवाई के बाद ही तय किया जाएगा कि खनन खोला जाए या नहीं, इसके लिए सभी क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनी जा रही हैं। कहा कि जाखन-2 नदी में खनन की मात्रा अधिक होने से बरसात के दिनों में पानी के बहाव से वन भूमि कटाव, पेड़ों का बहना और पानी का आबादी में घुसने की समस्याएं आती हैं। जिसके लिए नियमानुसार खनन किया जाना प्रस्तावित है।
सभासद संदीप नेगी ने कहा कि खनन के लिए तय नियमों को ताक पर रखकर अक्सर खनन किया जाता है। नदियों के दोनों किनारों तक और नदी में काफी गहरे तक खनन कर दिया जाता है। वहीं एक रवन्ने पर कई-कई गाड़ियां खनन की निकाली जाती हैं। जिससे नदी और राजस्व का नुकसान होता है। खनन से लदे ओवरलोडेड वाहनों से करोड़ों की लागत से बनाई गई सड़कों का नाश हो जाता है। सभासद और भाजपा युमो जिलाध्यक्ष प्रदीप नेगी ने कहा कि खनन खोलने में उन्हे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन खनन से लदे वाहन अठुरवाला विस्थापित से होकर नहीं जाने चाहिए।
जिस पर संबधित अधिकारियों ने सहमति जताते हुए कहा कि खनिज से प्राप्त राजस्व में से कुछ पैसा वापस जनप्रतिनिधियों तक विकास के लिए पहुंचाया जाता है। पूर्व ग्राम प्रधान संसार सिंह ने कहा कि घमंडपुर-विस्थापित क्षेत्र के बीच जाखन नदी में आवाजाही को आठ पाइप ड़ाले जाने चाहिए। जिससे ग्रामीणों को सहुलियत होगी। मौके पर अपर जिलाधिकारी डां0 एसके बरनवाल, सहायक वैज्ञनिक एसएस चौहान, वन विभाग एसडीओ एलएस पंवार, बडकोट रेंजर धीरज रावत, प्रभागीय लौगिंग प्रबंधक आन सिंह कांदली, रविंद्र सिंह पुण्डीर, नायब तहसीलदार बीएस चौहान, राजस्व उपनिरीक्षक मनोज मिश्रा आदि उपस्थित रहे।