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देहरादून एयरपोर्ट को जमीन देने के लिए इन विभागों द्वारा किया गया ज्वाइंट सर्वे
एयरपोर्ट विस्तारीकरण के कारण फिर बंद हो सकते हैं ग्रामीणों के रास्ते
Dehradun. डोईवाला तहसील प्रशासन व संबधित अन्य विभागों ने देहरादून एयरपोर्ट को जमीन देने के लिए पुरानी चोर पुलिया (जौलीग्रांट) का एक ज्वाइंट सर्वे किया।
बृहस्पतिवार को किए गए इस ज्वाइंट सर्वे में बिजली, सड़क, सिंचाई, वन और संबधित विभागों के अधिकारियों ने मौके पर जाकर सर्वे किया। इस सर्वे में देखा गया कि चोर पुलिया क्षेत्र की किस-किस विभाग की जमीन एयरपोर्ट को विस्तारीकरण के लिए दी जानी है। जिस जमीन पर एप्रोच लाइटें आदि लगाई जानी प्रस्तावित हैं।
और किस विभाग की क्या चीज वहां पर मौजूद है। सर्वे रिपोर्ट बनाकर शासन में भेजी जाएगी। इसके अलावा 2002-03 में वन विभाग की एक जमीन एयरपोर्ट को ट्रांसर्फर की गई थी। उसके बारे में एक कमेटी गठित की गई है।
जिसमें प्रशासन व संबधित विभागों द्वारा मौके पर जाकर उस जमीन का मुआयना किया जाना था। और यह सर्वे भी संबधित विभागों द्वारा मौके पर जाकर किया गया।
एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए डोईवाला प्रशासन की टीम ने जो सर्वे किया है। उसके अनुसार चोर पुलिया के पास स्थित एयरपोर्ट बाउंड्री के सेंटर से 175 मीटर लंबाई में चोर पुलिया की तरफ और इसी बाउंड्री के सेंटर से 75 मीटर दाएं और 75 मीटर बाएं साढे छह एकड (लगभग 34 बिघा) जमीन का सर्वे किया गया है।
यह जमीन एयरपोर्ट को दी जानी प्रस्तावित है। यदि यह जमीन एयरपोर्ट को दी जाती है तो कोठारी मोहल्ला, बागी, सैनिक मोहल्ला और बिचली जौलीग्रांट के सैकड़ों लोगों के रास्ते बंद हो जाएंगे। एयरपोर्ट बाउंड्री के बगल से सैनिक मोहल्ला होते हुए दस फीट के लगभग संकरे रास्ते से होकर ऋषिकेश-देहरादून मार्ग तक आवाजाही करते हैं।
यदि पुरानी चोरपुलिया के बाजार को हटाकर उस जमीन को एयरपोर्ट को दिया जाता है तो इन चार गांवों का रास्ता पूरी तरह बंद हो जाएगा। जिसके लिए स्थानीय लोग आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।