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लापरवाही: Jolly Grant में 4 G का पैसा देकर लोगों को मिल रहा 2 G का नेटवर्क

जौलीग्रांट में सबसे बड़ा एयरपोर्ट और अस्पताल तो है लेकिन मोबाइल नेटवर्क नहीं

डोईवाला। डोईवाला खासकर जौलीग्रांट में सरकारी व निजी कंपनियों की मोबाइल सेवा इन दिनों लगातार खराब होती जा रही है।

जिससे हजारों उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क एकदम स्लो चल रहा है। कनेक्टिविटी सुचारू नहीं रहने से अधिकांश उपभोक्ता कॉल रिसीव करने के बाद भी बात नहीं कर पाते हैं।

कई बार तो एक ही नंबर पर बात करने के लिए कई बार फोन मिलाना पड़ता है। कई बार मोबाइल में एक व्यक्ति को ही आवाज सुनाई देती है। दूसरा हैलो हैलो करता रह जाता है।  कई उपभोक्ताओं ने बताया कि सुबह होते ही इन मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क प्रॉब्लम शुरू हो जाता है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है समस्या भी बढ़ती जाती है जो देर रात्रि तक रहता है। इसका असर इंटरनेट सेवाओं पर भी पड़ रहा है।

प्रमुख मोबाइल कंपनियां यथा बीएसएनल, रिलायंस जिओ, एयरटेल, आइडिया की डाटा स्पीड पटरी से उतरने के कारण सबसे अधिक बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। क्योकि अभी भी काफी कार्य मोबाइल द्वारा ही किया जा रहा है। इन सभी कंपनियों के डाटा और कॉल पैक मंहगे और सेवाएं बद से बदतर होती जा रही हैं।

शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश लोगों के पास एंड्राइड मोबाइल है कुछ लोग अपने मनोरंजन के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ जरूरी काम के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एंड्राइड मोबाइल से अपनी उपस्थिति से लेकर तमाम विभागीय कार्य करने पड़ते हैं। लेकिन नेटवर्क की समस्या से उनके काम रुक जाते हैं। फिलहाल किसी भी कंपनी का नेटवर्क डोईवाला खासकर जौलीग्रांट वार्ड पांच, छह व सात में  सही तरीके से नहीं चल पा रहा है। जिसके कारण लोग काफी परेशान हैं।

कभी कॉल ड्रॉप तो कभी नेट स्लो होने की समस्या निरंतर आ रही है. क्षेत्र में सभी कंपनियां जहां एक तरफ उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए लुभावने ऑफर दे रही है वहीं दूसरी तरफ सभी कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त होने से उपभोक्ता अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। यहां खराब मोबाइल नेटवर्क के कारण भारत सरकार के डिजिटल इंडिया, कैशलेस व मोबाइल बैंकिंग को बढ़ावा देने के सभी दावे हवाई साबित होते दिख रहे रहे हैं।

एयरपोर्ट के कारण मोबाइल टावरों की संख्या हुई कम

डोईवाला। जौलीग्रांट में विभिन्न कंपिनयों के जिस तरह उपभोक्ता बढे हैं। उस अनुपात में मोबाइल टावरों की संख्या नहीं बढी है। उल्टे एयरपोर्ट के कारण कई मोबाइल टावरों को या तो हटा दिया गया है। या टॉवरों की ऊंचाई कम कर दी गई है। एक परिवार में ही देखा जाए तो लोगों की संख्या कम और विभिन्न कंपनियों के सिम की संख्या कई ज्यादा है।

खराब नेटवर्क के कारण उपभोक्ता किसी भी दुकानदार को मोबाइल से ऑन लाइन पेमेंट भी नहीं कर पा रहे हैं। कस्टमर केयर वाले कहते हैं कि चौबीस घंटे, एक हफ्ता या कार्य चल रहा है। नेकवर्क ठीक हो जाएगा। बातें कंपनियां अब फाइव जी की करने लगी हैं। लेकिन स्पीड टू जी जैसी चल रही है। जौलीग्रांट में लोग फोन जी का पैसा देकर टू जी के युग में चल रहे हैं।

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