डोईवाला। नवयुवक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में जौलीग्रांट में चल रही रामलीला के सातवें दिन राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध और लंका दहन का बहुत ही सुंदर सजीव चित्रण किया गया।
रामलीला मंचन में राम-हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मित्रता, बालि वध, लंका दहन का जीवंत मंचन किया गया। हनुमान जी ने जैसे ही राम, लक्ष्मण को कंधे पर उठाया पूरा पंडाल जय श्री राम के आवाज से गुंजायमान हो गया। अग्नि को साक्षी मान राम-सुग्रीव मित्रता, बालि-सुग्रीव युद्ध व लंका दहन लीला प्रेमियों को भाव विभोर कर दिया।
सुग्रीव के आदेश पर सीताजी को खोजने समुद्र लांघ कर हनुमान जी लंका पहुंचते हैं। लंका में विभीषण से पता चलता है कि सीताजी अशोक वाटिका में हैं। हनुमान अशोक वाटिका में सीताजी की दशा देख दुखी होते हैं। सीताजी से आदेश लेकर अशोक वाटिका में भूख मिटाने के लिए पहुंचे।
जहां हनुमान जी और मेघनाथ के बीच काफी देर तक युद्ध होता है। जब मेघनाथ के समस्त शत्रुओं का हनुमान जी पर कोई असर नहीं होता है तो वह षड्यंत्र के तहत ब्रह्म शक्ति का प्रयोग करता है। और हनुमान जी को बांधकर रावण दरबार में ले जाता है।