
Uttarakhand. शहीद दुर्गा मल्ल कि 78 वी पुण्यतिथि के अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने डोईवाला चौक पर शहीद मेजर दुर्गा मल्ल की मूर्ति और 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।
गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम का शिलान्यास कर कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि शहीद दुर्गा मल्ल शुरू से ही स्वाभिमानी, मेहनती, और देश समर्पित रहे। नमक कानून का उल्लंघन करने के लिए महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए दांडी मार्च से दुर्गामल्ल के हृदय में देशभक्ति की भावना जन्म लेने लगी,
जिसने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। वहीं से ही दुर्गामल्ल से महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत की आजादी का स्वप्न देखा था।
डा. अग्रवाल ने कहा कि शहीद दुर्गामल्ल गोरखा समाज की दुर्दशा देखकर सदैव चिंतित और बेचैन रहते थे। वह हरवक्त देश की पराधीनता और दयनीय दशा के प्रति भी अत्यंत चिंतित रहा करते थे। डा. अग्रवाल ने कहा कि उनकी चिंता ने ही उन्हें 18 वर्ष की आयु में गोरखा राइफल्स की बटालियन में भर्ती करवा दिया।
डा. अग्रवाल ने कहा कि शहीद दुर्गामल्ल न सिर्फ आजाद हिंद फौज में स्वयं शामिल हुए बल्कि अपने सहयोगियों को भी इसमें आने के लिए प्रेरित किया। उनकी देशभक्ति और देश के प्रति कर्तव्य भावना तथा उनके शौर्य को देखते हुए उन्हें आजाद हिंद फौज में मेजर की जिम्मेदारी सौंपी गई। डा. अग्रवाल ने बताया कि शत्रुओं से लोहा लेते वक्त उन्हें पकड़ लिया गया। डा. अग्रवाल ने कहा कि वीर दुर्गामल्ल का एकमात्र उद्देश्य भारत को आजाद कराना था।
उन्होंने सामने ब्रिटिश अधिकारियों की एक न चली। डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला ने कहा कि ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें 25 अगस्त 1944 को फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया। और मात्र 31 वर्ष की आयु में शहीद दुर्गा मल्ल ने अपने प्राणों की आहूति दे दी। सभासद गौरव मलहोत्रा द्वारा इस प्रस्ताव को नपा बोर्ड बैठक में पास करवाया गया था।