एलआईसी के माईक्रो बीमा में लाखों का घोटाला, पॉलिसीधारक परेशान
देहरादून। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की माईक्रो बीमा पॉलिसी में लाखों का घोटाला सामने आया है।
सैकड़ों पॉलिसीधारकों को बेवकूफ बनाकर लाखों का चूना लगा दिया गया। ये मामला मुख्यमंत्री की विधानसभा डोईवाला में सिमलासग्रांट का है। एलआईसी ने इस क्षेत्र के तीन सौ से अधिक ग्रामीणों के एक एनजीओ के माध्यम से माईक्रों बीमा करवाया गया था। लेकिन जब बीमे की समयावधि पूरी हुई और लोग अपना पैसा लेने पहुंचे तो पता चला कि एनजीओ ने माईक्रों बीमा के किस्ते काफी समय से जमा ही नहीं की हैं। जिससे तीन सौ से अधिक लोगों को लाखों की चपत लग गई।
सिमलासग्रांट ग्राम सभा में 2008, 09 के दौरान एलआईसी ने अखिल भारतीय महिला बाल विकास नाम के एनजीओ के माध्यम से तीन सौ से अधिक लोगों के माईक्रों बीमा किए थे। जिस पर एलआईसी ने ग्राम को मधुर ग्राम घोषित कर पच्चीस हजार रूपए भी ईनाम के तौर पर दिए थे। ग्रामीण समय पर एनजीओ को अपने बीमें की किस्तें जमा करवाते रहे। लेकिन एनजीओ ने एलआईसी को 2015 से किस्तें जमा नहीं करवाई। और 2018 से इस पॉलिसी को बंद कर दिया गया। पूर्व ग्राम प्रधान सिमलास ग्रांट उमेद बोरा ने कहा कि जब भुगतान का समय आया तो पता चला कि तीन सौ से अधिक लोगों की किस्तें एनजीओ ने जमा नहीं करवाई हैं। इसके लिए एलआईसी और एनजीओ दोनों जिम्मेदार हैं।
किस्तें जमा नहीं होने पर एलआईसी ने नहीं दी सूचना
डोईवाला। माईक्रों बीमा की किस्तें एनजीओ ने जमा नहीं की हैं। लेकिन इसमें एलआईसी भी जिम्मेदार है। सैकड़ों पॉलिसीधारकों की किस्ते जमा नहीं किए जाने पर एलआईसी को अपने पॉलिसीधारकों को सूचना देनी चाहिए थी। पीड़ित लोग अब कानून की शरण में जाने का मन बना रहे हैं। उधर इस मामले में एलआईसी की शाखा और संबधित अधिकारियों से फोन पर संपर्क नहीं हो सका।