प्रेशर कुकर से बढ़ी बिमारियां तो याद आई दादी-नानी की कढ़ाई, ये हैं कढाई के फायदे

सरकार का कुपोषण और एनीमिया मिटाने को पारंपरिक व्यजंनों की तरफ रूझान
देहरादून। भारत में सदियों से चली आ रही खाने-पीने की परंपरा पर भारत सरकार ने अपनी मोहर लगाई है।
भारत सरकार के पोषण अभियान के तहत बाल विकास विभाग द्वारा लगातार ऐसे कार्यक्रम किए जा रहे हैं जिसमें सिर्फ भारत के पारंपरिक व्यजंनों को फिर से पकाकर खाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। लोगों को अब प्रेशर कुकर की बजाय लोहे की कढ़ाई में भोजन पकाने को प्ररित किया जा रहा है। जौलीग्रांट के पंचायत घर में आयोजित वीएचएसएनडी दिवस के अंतर्गत लोगों खासकर महिलाओं को एनीमिया के बारे में बताते हुए कहा गया कि प्रेशर कुकर से लोहे की कढ़ाई में पकाया खाना सेहत को दुरूस्त रखता है।
साथ ही ये भी बताया गया कि भारत के पारंपिरक व्यंजन फास्ट फूड और जल्दबाजी में पकाए जाने वाले खाने से कई बेहतर हैं। इस अभियान को धरातल पर उतारने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। कार्यक्रम में आईएफए टेबलेट भी बांटी गई। इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ती सुनीता, लक्ष्मी कोठियाल, किरन सिंधवाल, मीना, ऊषा, राधा, रजनी रावत, ऋतु, रजनी राणा, शांति भंडारी आदि उपस्थित रहे।