
देहरादून। शहीद स्मारक कचहरी परिसर में राज्य आन्दोलनकारी मंच द्वारा एक बैठक आयोजित की गई। जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि बैठक में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर चर्चा की गई। राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व में राज्य के मुददे व राज्य आंदोलनकारियो से जुड़ी मागों को लेकर धरना- प्रदर्शन से लेकर जिलाधिकारी के घिराव से लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच तक किया जा चुका है। लेकिन मुख्यमन्त्री ने आज तक कोई भी गौर नही किया। शहीद परिवारों की पेंशन के मामले से लेकर तमाम मागों की अनदेखी की जा रही है। बैठक में सभी आन्दोलनकारियों ने एक मत से तय किया क़ि सरकार पर दबाव बनाने के लिए अपनी मांगो को लेकर आगामी 20 अक्टूबर को प्रातः 10-30 बजे गांधी पार्क में एक विशाल धरना दिया जायेगा। बैठक का संचालन प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व अध्यक्षता पूर्व राज्य मंत्री रविन्द्र जुगरान ने किया।
राज्य आन्दोलनकारियों की प्रमुख माँगे 25-वर्षो के बाद भी खटीमा, मसूरी औऱ मुजफ्फरनगर काण्ड के दोषियों को आज तक न्याय नहीं मिला। उत्तराखण्ड राज्य में राज्य से बाहर के लोगों के लिए समूह ‘ग’ की भर्ती को खोलने का सीधे विरोध किया जायेगा। राज्य आन्दोलन की अवधारणा के अनुरूप राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैण घोषित किया जाए। सरकार द्वारा भू-कानून के मामले में जो राज्य विरोधी भू -कानून लागू किया जा रहा हेँ वह तुरन्त निरस्त किया जाय। भू-माफिया व बिल्डरों की मनमानी को राज्य में खुली लूट की छूट पर कार्य करने का कार्य कर रही। राज्य आन्दोलनकारियों के 10% की जो शिथिलता (वरीयता) मिलनी थी पर सरकार आज तक राज्यपाल के यहां से एक्ट तक नहीं बनवा पाई। औऱ ना ही सुप्रीम कोर्ट में गई औऱ ना ही अब पेरोकारी करने को तेयार हेँ। राज्य आंदोलनकारी चन्दा जुटाकर सुप्रीम कोर्ट में लड़ने को मजबूर हेँ। राज्य आंदोलनकारियो की पिछले चार वर्षो से लम्बित चिन्हीकरण के मामले लम्बित हेँ साथ ही शहीद परिवारों की पेंशन के लिए 2011 के शासनादेश के बावजूद अभी तक लागू नहीं की गई है। राज्य आन्दोलनकारियों के एक समान पेंशन को लागू ना करना। राज्य सरकार द्वारा घोषणा पत्र में रखने के बावजूद आज तक भ्रष्टाचारियों के लिए लोकायुक्त कानून लागू नहीं किया गया उसे तुरन्त लागू किया जाय। राज्य अवधारण का मुख्य उद्देश्य हमारे पहाड़ी ज़िलों का विकास करना था परन्तु परिसीमन के चलते हमारी विधान सभाओं का प्रतिनिधित्व कम हुआ औऱ अगला परिसीमन 2025 में होना हेँ उसमे हमारी पहाड़ की सीटे औऱ प्रभावित होगी।
बैठक में प्रमुख रूप से संबोधन करने वालों में अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र जुगरान, वेद प्रकाश शर्मा, धन सिंह गुंसाई, युद्धवीर चौहान, रामलाल खंडूड़ी, पूरण सिंह लिंगवाल, हरजिंदर सिंह, नरेन्द्र राणा, जीतपाल बर्त्वाल, प्रेम सिंह नेगी, विनोद असवाल, आनन्दी रावत, सुशीला अमोली, सर्वेश्वरी डोब्रियाल, वीर सिंह रावत, रविन्द्र प्रधान, कुलदीप कुमार, द्वारिका बिष्ट, गंगोत्री रावत, जयदीप सकलानी, ललित जोशी, सतेन्द्र नोगाई, सुरेश नेगी, प्रदीप कुकरेती, सुदेश सिंह, मनोज नौटियाल, प्रभात डड्रियाल, लोक बहादुर थापा, शाकूम्बरी रावत, लक्ष्मी बिष्ट, रजनी बाला, देव नौटियाल, राकेश नौटियाल, अजय डबराल, जबर सिंह पावेल, सुनील बडोनी आदि मौजूद रहे।