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आरटीआई सरकारी तंत्र को पारदर्शी व जवाबदेह बनाने के लिए: योगेश भट्ट

अल्मोड़ा। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने अल्मोड़ा पहुंचकर विकास भवन सभागार में डॉ

आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी द्वारा आयोजित सूचना का अधिकार

अधिनियम 2005 की प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न विभागों के 110 लोक सूचना अधिकारियों/

अपीलीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान सूचना आयुक्त ने प्रशिक्षण कार्यशाला

का शुभारंभ द्वीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में उन्होंने सूचना के अधिकार की

प्रासंगिकता एवं अधिकारियों के दायित्व निर्वहन आदि के बारे में विस्तार से आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

भट्ट ने कहा कि आरटीआई की संकल्पना सरकारी तंत्र को पारदर्शी व जवाबदेही बनाने के

लिए की गई है। उन्होंने कहा पारदर्शी एवं जवाबदेही सुशासन देश के भविष्य एवं सभी के

हितों के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने प्रत्येक नागरिक से इस कानून के बारे में जागरूक होने

की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बजबूती में सूचना के अधिकार का मजबूत

होना अनिवार्य है तथा इसकी बजबूती सरकारी कार्मिकों की मंशा पर निर्भर करती है।

उन्होंने कहा कि सभी विभागीय लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी आरटीआई

के प्रति सकारात्मक भाव रखें। उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आवेदनकर्ताओं

द्वारा मांगी गई सूचनाओं को समयंतर्गत एवं सही रूप में प्रदान करें। उन्होंने सभी

अधिकारियों को कहा कि आरटीआई को बोझ न समझे बल्कि पारदर्शिता के हितों के लिए इसे

अपना दायित्व समझें और इस दायित्व को सभी अधिकारी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहित करें।

डॉ आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी की मास्टर ट्रेनर डॉ मंजू ढौंढियाल एवं

पूनम पाठक ने सभी अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के विभिन्न

 

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पहलुओं एवं प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के

कानूनी प्रावधानों एवं इस कानून की पृष्ठभूमि

आदि के बारे में उपस्थित सभी विभागों के लोक सूचना अधिकारियों एवं अपीलीय

अधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी। इस कानून के तहत सूचना प्रदान करने के तरीके

एवं इसकी समय सीमा जैसे विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डाला गया।

इस कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह, उपजिलाधिकारी सदर गोपाल

सिंह चौहान समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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