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आदम युग में जीवन गुजार रहे इस गांव के लोग, अस्पताल पहुंचने से पहले ही पहुंच जाते हैं ऊपर

गौचर चमोली। जनपद चमोली में विकासखंड कर्णप्रयाग का सुदूरवर्ती गांव सकंड मोटर मार्ग की सुविधा न होने से आदम युग में जीने को मजबूर हैं।

सरकारों की उदासीनता से गांव के लोग पलायन करने लगे हैं। लेकिन शासन प्रशासन द्वारा अभी तक गांववासियों को सड़क सुविधा से नहीं जोड़ा गया है। जिससे गांववासियों में भारी नाराजगी है।

गांववासियों का कहना है कि कई बार लोनिवि गौचर और वन विभाग द्वारा सड़क निर्माण बाबत सर्वे किया गया। लेकिन उससे आगे की कार्रवाई कुछ भी नहीं हुई। यातायात सुविधा उपलब्ध कराने के लिऐ शासन प्रशासन से पत्राचार करते हुये हम थक चुके हैं लेकिन अभी तक शासन प्रशासन द्वारा यातायात की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई।

सड़क सुविधा से बंचित होने के कारण बीमार व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं को 10 किमी पैदल तय कर अस्पताल गौचर व कर्णप्रयाग पहुंचाना होता है। ऐसे में कई बार रोगी रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

गांव के समाजसेवी दिगंबर सिंह बिष्ट बताते हैं कि सरकारों की उदासीनता और उपेक्षा के चलते संकड गांव के लोग आज भी आदम युग में रह रहे हैं।

मोटर मार्ग न होने से यहां सरकारी कर्मचारी न तो आने को तैयार हैं और न ही यहां रहने को मंजूर है। जबकि यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही सुन्दर है। यातायात सुविधा न होने से ग्रामीण अपने खेतों में होने वाली उपज आलू, राजमा, चौलाई को बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

उन्होंने कहा सरकारें आईं और गईं लेकिन अभी तक गांववासियों की सुध किसी ने भी नहीं ली। ग्रामीणों ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फरियाद करते हुये गांववासियों को सड़क सुविधा से जोड़े जाने की मांग की है।

 

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रिपोर्ट ललिता प्रसाद लखेड़ा

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