देहरादून। SDRF उत्तराखंड द्वारा ”विजय दिवस” के उपलक्ष्य पर भारतीय सेना के बलिदान व अदम्य साहस को नमन किया गया।
उत्तराखंड राज्य सैन्य बाहुल्य प्रदेश है, यह सेना में भर्ती होना मात्र उदरपूर्ति या जीविकोपार्जन का साधन नही, बल्कि एक त्याग, बलिदान गौरव की परंपरा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच माह दिसम्बर 1971 में (पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश) लड़ाई लड़ी गयी थी।
भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज को परास्त किया था।
पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तानी फौज के चंगुल से मुक्त कराया, जो वर्तमान में बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।
उक्त युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया गया।
इस अभियान में कई वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति भी दी।
भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं वीरता के लिए पूरे देश के साथ साथ उत्तराखंड राज्य
द्वारा भी प्रत्येक वर्ष 16 दिसम्बर को ”विजय दिवस” के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया है।
जिस परिप्रेक्ष्य में आज दिनाँक 16 दिसम्बर 2022 को SDRF वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में विजय दिवस को हर्षोल्लास से मनाया गया।
इस सुअवसर पर सहायक सेनानायक, SDRF दीपक सिंह द्वारा SDRF के समस्त कार्मिकों को विजय दिवस की महत्ता बताते हुए भारतीय
सेना के वीर पराक्रमियों को याद करते हुए नमन किया व साथ ही उपस्थित कार्मिकों को अपने परिजन, बच्चों पड़ोसियों व अन्य
परिचितों को भी इस दिवस की महत्ता बताने का अनुरोध भी किया। ताकि मातृभूमि की रक्षा
में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के वीर अमर सपूतों की शौर्य और बलिदान की गाथा युग-युगांतर अविरल सभी के मस्तिष्क पटल पर जीवन्त रहे।
इसके साथ ही सम्पूर्ण राज्य में व्यवस्थापित SDRF टीमों द्वारा भी विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना की शहादत व पराक्रम को याद करते हुए नमन किया।
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