Dehradun. खैर तश्करों में वन विभाग का कोई खौफ नहीं है। यही कारण है कि खैर तश्कर बार-बार लच्छीवाला वन रेंज से खैर के बेशकीमती पेड़ काट ले जा रहे हैं।
लच्छीवाला वन रेंज की देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी फतेहपुर बीट से अब फिर से खैर तश्कर चार से छह फीट गोलाई के वर्षो पुराने खैर के पेड़ चोरी कर ले गए हैं।
इन दोनों पेड़ों को आरियों से काटा गया है। एक पेड़ का झिंगाव भी पेड़ के पास मौजूद है। जिस जगह से खैर के यह पेड़ काटे गए हैं।
उस स्थान पर सालों पहले खैर का घना जंगल होता था। लेकिन अब जंगल में खैर के पेड़ नाममात्र के बचे हैं। और जो पेड़ बचे हैं।
उन पर भी खैर तश्करों की नजर लगी हुई है। खैर तश्करों के हौसले इतने बुंलद हैं कि उन्हे वन अधिकारियों का कोई खौफ नहीं है।
यही कारण है कि वन तश्कर एक के बाद एक दर्जनों खैर के पेड़ों पर आरियां चला चुके हैं।
कुल मिलाकर लच्छीवाला की फतेहपुर बीट में खैर के पेड़ तश्करों के निशाने पर हैं।
और वन विभाग चिर निंद्रा में है। खैर तश्करों पर वन विभाग की लचर कार्रवाई से तश्कर एक के बाद एक खैर के पेड़ काटने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
खैर की लकड़ी से कत्था बनाया जाता है। और दूसरे कार्यो में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
जिस कारण खैर तश्कर इस बेशकीमती लकड़ी को जंगल से पूरा पेड़ सहित काट ले जाते हैं।
फतेहपुर बीट में अंदर जाकर पूरा जंगल खाली पड़ा हुआ है।
कहीं-कहीं कुछ पापड़ी और दूसरे पेड़ जरूर दिखाई देते हैं। चारों तरफ जंगलों में पेड़ों की जगह झाड़ियां उगी हुई हैं। जो वन विभाग की पोल खोलती हैं।
पहले भी दर्जनों पेड़ों पर चली थी आरियां
ऋषिकेश। बीते अक्टूबर माह में भी लच्छीवाला के फतेहपुर बीट से खैर तश्कर दर्जनों खैर के पेड़ चुरा ले गए थे।
बीते सात अक्टूबर को जब इस बारे में खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो वन अधिकारियों ने तश्करों की धर-पकड़ कर कुछ आरोपियों को पकड़ा था।
लेकिन कुछ आरोपियों को पकड़ने में लच्छीवाला वन रेंज की टीम नाकाम साबित हुई थी। तब वन अधिकारियों ने फतेहपुर बीट के फॉरेस्टर को सस्पेंड भी किया था।
लेकिन खैर तश्करों में वन विभाग का कोई खौफ नहीं होने के कारण लच्छीवाला वन रेंज खैर तश्करों के निशाने पर है।
माउंट लिट्रा स्कूल के पास से भी कटे थे खैर के दर्जनों पेड़
देहरादून। भानियावाला में माउंट लिट्रा स्कूल के पास स्थित लच्छीवाला वन रेंज से लगभग दो वर्ष पहले भी दर्जनों खैर के पेड़ तश्करों द्वारा काटे गए थे।
जिसके बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है। ऐसा लगता है जैसे वन अधिकारियों की मिलीभगत से चुन-चुनकर खैर के पेड़ों को कटवाया जा रहा है।
वन विभाग की कार्रवाई अभी तक सिर्फ लीपापोती वाली ही रही है।
जिस कारण लच्छीवाला वन रेंज खैर तश्करों का मनपसंद जंगल बन गया है।
उधर वन विभाग के एसडीओ अनिल रावत ने कहा कि लच्छीवाला रेंज से दो पेड़ खैर के कटे हैं।
जिसका जुर्म काटकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। और धरपकड़ को टीम भी गठित कर ली गई है।